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राज्य में आवैध खनन के सभी आरोप निराधार, खनन विभाग में रिकॉर्ड तोड़ राजस्व की हुई प्राप्ति

उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल में मुख्यमंत्री धामी की पारदर्शिता कार्य प्रणाली, सटीक खनन नीति, राज्य का विकास चहुंमुखी करने के लगातार सार्थक प्रयासों के चलते खनन विभाग ने राज्य गठन के बाद से अब तक की सबसे रिकॉर्ड तोड़ राजस्व की प्राप्ति की है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड राज्य में लगातार सरकार और संबंधित विभागों पर अवैध खनन के आरोप लगाए जाते रहते हैं हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र रावत की ओर से भी संसद में अवैध खनन का मुद्दा उठाया गया था जिसके बाद खनन विभाग की ओर से अपनी प्रतिक्रिया जारी की गई बाकायदा खनन सचिव ने आंकड़ों के साथ राज्य में बढ़ रहे अवैध खनन के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।


खनन विभाग के सचिव बी के संत ने बताया कि उत्तराखंड खनन विभाग ने राजस्व वृद्धि में नया रिकॉर्ड स्थापित किया है विभाग वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभी तक लगभग 1025 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति कर चुका है। ऐसा अवैध खनन परिवहन एवं भंडारण पर प्रभावी नियंत्रण से ही संभव हो पाया है उन्होंने कहा कि ई निविदा, ई नीलामी के मध्य से खनन पट्टों का आवंटन सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग के द्वारा खनन विभाग के लिए इस साल के लिए 875 करोड रुपए का राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसकी तुलना में खनन विभाग ने अभी तक 1025 करोड़ का राजस्व हासिल कर लिया है। संत ने कहा कि इससे साफ होता है कि राज्य में अवैध खनन, अवैध परिवहन, अवैध भंडारण को बढ़ावा मिलने का कथन पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर शिकायत है रात में आवेद खनन करते डंपर की आती हैं यहां मैं आपको बता दूं की रात्रि में ज्यादा तार सड़कों पर नो एंट्री लगाई जाती है इसलिए जो भारी वाहनों की आवाजाही के लिए नो एंट्री खुलती है वह रात्रि के समय ही खुलती है तो कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि रात के समय में अवैध खनन हो रहा है लेकिन यहां उन्होंने साफ तौर पर बताया है कि स्टोन क्रशर्स, स्क्रीनिंग प्लांट द्वारा तैयार माल रेता, बजरी ,रोड़ी और डस्ट आदि की निकासी भारी वाहनों से पूरे वैध परपत्रों ,रॉयल्टी के साथ होती है उन्होंने कहा कि बिना रॉयल्टी परपत्रों के उप खनिज की निकासी का कथन भी पूरी तरह से निराधार है राज्य गठन के बाद राजस्व की रिकार्ड वृद्धि इस बात की पुष्टि करती है कि प्रदेश में खनन विभाग पूरी तरह पार्टी पारदर्शिता बरत रहा है।

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