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क्रेशर जोन बना एक वरदान,हजारों लोगों को माईनिंग से मिला रोजगार

माईनिंग से राज्य के राजस्व और रोजी व रोजगार के रास्ते खुले देहरादून के ढकरानी क्षेत्र में स्थित माईनिंग पट्टों और क्रेशर जोन से प्रदेश सरकार की राजस्व इनकम के साथ-साथ लोगों को भारी संख्या में रोजगार भी मिला है।

आपको बता दें कि राजधानी देहरादून के ढकरानी-ढालीपुर की यमुना नदी में जब से खनन पट्टा संचालित हुआ है और ढकरानी के क्रेशर जोन में लगे क्रेशर प्लांटो से प्रतिवर्ष राज्य में माईनिंग से प्रतिवर्ष करोड़ों रूपए राजस्व इनकम के स्रोत विकसित हुए हैं जिससे सरकार को राज्य के विकास में आर्थिक मजबूती मिली है और यमुना नदी में जो प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की खनन सामग्री उत्तराखंड की सीमा से लगा राज्य हिमाचल प्रदेश चुरा ले जाता था और फिर उत्तराखंड राज्य के ही व्यापारियों को बेचकर करोड़ों रुपए का राजस्व रॉयल्टी और टैक्स के रूप में प्राप्त करता था और इसके साथ ही हजारों लोगों को बेरोजगारी के दलदल से निकलकर रोजगार प्राप्त हुआ है जैसे खनन के कारोबारी से जुड़े लोग सैकड़ो मोटर मालिक, ड्राइवर कंडक्टर रेत बजरी छानने भरने वाले सैकड़ो मजदूर क्रेशर प्लांटो पर कार्य कर रहे कर्मचारी, चाहे डायरेक्टर और इनडायरेक्ट जुड़े लोग हों। इससे आसपास के क्षेत्र का भी विकास हुआ है क्योंकि पछुवादून क्षेत्र के लिए खनन कार्य को लाइफलाइन माना जाता है। जब-जब माईनिंग का कार्य चलता है तो इससे जुड़े हजारों लोगों के पास अपने और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए खर्चने को पैसा होता है जो यहां के बाजारों में खर्च होता है जिससे आसपास लगे बाजरो में लगे व्यापारियों और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

यदि इस क्षेत्र में माईनिंग और क्रेशर प्लांटों के कार्य में ब्रेक लगता है तो हजारों लोगों की आर्थिक स्थिति डगमगा जाती है और ज्यादातर आबादी बेरोजगारी की कगार पर पहुंच जाते हैं माईनिंग के कार्य में जुड़े होने की वजह से क्षेत्र में स्थानीय युवा नशे से भी बचा रहता है और अप्रिय घटनाओं का भी ग्राफ पर नियंत्रण लगा रहता है क्योंकि बेरोजगारी में युवा ज्यादातर नशे का आदि बन जाता है जिसके लिए वह अप्रिय घटनाओं को भी अंजाम देने से नहीं चूकता है। क्रेशर जोन लगना इस क्षेत्र के लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है।

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