कालसी/देहरादून : कालसी तहसील में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नागरिकों के अधिकारों की अनदेखी हो रही है। तहसीलदार कालसी द्वारा अपर जिलाधिकारी के निर्देशों के 10 महीने बाद भी प्रथम अपील पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे राजस्व विभाग के प्रति गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
घटना का विवरण :-
अगस्त 2023 में, कालसी निवासी सुमित कुमार, जो पूर्व एनसीसी कैडेट हैं, ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त सूचना के संदर्भ में प्रथम अपील के लिए अपर जिलाधिकारी राम जी शरण शर्मा को आवेदन भेजा था। इसके अनुपालन में, अपर जिलाधिकारी ने 15 सितंबर 2023 को तहसीलदार कालसी को संपूर्ण पत्रावली के साथ प्रथम अपील की सुनवाई के लिए निर्देशित किया था। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि “प्रकरण का संज्ञान लेकर अपील को विधिवत पंजीकृत कर अपने स्तर से उचित कार्यवाही करें।”
हालांकि, 10 महीने बीत जाने के बावजूद तहसीलदार कालसी ने इस अपील को सुनना जरूरी नहीं समझा।
शिकायत और मांग :-
लंबित अपील के कारण सुमित कुमार ने गढ़वाल कमिश्नर, जिलाधिकारी देहरादून और अपर जिलाधिकारी देहरादून को पत्र लिखकर तहसीलदार कालसी के खिलाफ अनुशासनात्मक और विभागीय कार्यवाही की मांग की है। इसके अलावा, इस मामले को उत्तराखंड सूचना आयोग के समक्ष भी लाया गया है, ताकि उचित न्याय मिल सके और भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो।
अपेक्षाएं :-
सुमित कुमार को उम्मीद है कि उत्तराखंड सूचना आयोग से उन्हें न्याय मिलेगा और दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ी सजा मिलेगी। जिससे भविष्य में अपीलीय अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से पालन करें और इस तरह की मनमानी करने से पहले गंभीरता से विचार करें।

