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ट्रामा के साथ हैड इंजरी थी, जिसमे कि न्यूरोसर्जन का मैनेजमेंट था बहुत जरूरी…

तो क्या कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल अस्पताल को बदनाम करने की नीयत से लगा रहे थे गलत आरोप

श्रीनगर शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वी.पी. नैथानी ने इलाज पर गलत जानकारी देने पर दुख जताया.

बोले, कांग्रेस नेता द्वारा रात्रि को अस्पताल में आकर गलत जानकारी साझा की।

ट्रामा के साथ हैड इंजरी थी, जिसमे कि न्यूरोसर्जन का मैनेजमेंट था बहुत जरूरी।

श्रीनगर : बेस अस्पताल में विगत एक दिन पूर्व इमरजेंसी के आगे आकर पौड़ी से रेफर हो आये दो दुर्घटनाग्रस्त युवकों के संदर्भ में कांग्रेस नेता द्वारा बेस अस्पताल में कोई ट्रीटमेंट ना दिये जाने का बयान सोशल मीडिया पर जारी करने पर युवकों के परिजनों ने दुख जताया है। दुर्घटनाग्रस्त युवकों के परिजन के रूप में बेस अस्पताल पहुंचे श्रीनगर शहर के वरिष्ठ चिकित्सक एवं स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एम्बेसडर डॉ. बीपी नैथानी ने कहा कि सोशल मीडिया पर जानबूझकर दुष्प्रचार किया गया, जो कि डॉक्टरों के मनोबल को तोड़ने जैसा है और जनता के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करना है।

श्रीनगर बेस अस्पताल में पहुंचे डॉ. नैथानी ने कहा कि यदि कांग्रेस नेता को राजनीति करनी है तो वह अलग माध्यम से करे। डॉक्टरों का मनोबल तोड़ना अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि पौड़ी से जब दोनो युवकों को बेस अस्पताल लाया गया तो यहां उनका एमआरआई सहित तमाम जरूरी जांचे हुई, जबकि डॉक्टरों ने मरीजों को स्टेबल कर आगे के लिए रवाना किया। क्यूंकि उनके किडनी और लीवर सहित पेशाब में खून आने की दिक्कतें आ गयी है। इसको देखते हुए उन्हें सुपरस्पेशिस्ट अस्पताल में इलाज के लिए ले जाना पड़ा।

डॉ. नैथानी ने अस्पताल प्रशासन का धन्यवाद देते हुए कहा कि अस्पताल प्रशासन ने मौके पर डॉक्टरों की टीम बुलाकर दोनों घायलों का त्वरित गति से उपचार किया गया। जबकि हायर सेंटर ले जाने के लिए दो एम्बुलेंस तक की व्यवस्था करायी। कहा कि यदि उन्हें समय पर हायर सेंटर नहीं ले जाया जाता तो भारी दिक्कतें हो सकती थी। कहा कि खुद दोनों घायल की बहिन बेस अस्पताल में ही कार्यरत है।

डॉ. नैथानी ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने तमाम बेहतर से बेहतर सुविधाएं यहां श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय मे उपलब्ध करायी गई है, जबकि सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती के लिए लगातार साक्षात्कार किये जा रहे है। सरकार द्वारा लगातार कोशिश जारी है। इधर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह ने कहा कि दुर्घटना में घायल में दोनो युवक डॉ. बीपी नैथानी के परिवार के जन थे, दोनों युवकों को अस्पताल में पूरा ट्रीटमेन्ट देकर हायर सेंटर के लिए भेजा गया। कहा कि ट्रामा के साथ हैड इंजरी थी, जिसमे कि न्यूरोसर्जन का मैनेजमेंट बहुत जरूरी था। परिजनो की पूर्ण सहमति उपरांत यहा पर विशेषज्ञो के पूर्ण प्राथमिक उपचार उपरांत ही भेजा गया। किंतु जिस तरह से सोशल मीडिया पर गलत प्रचार किया गया, वह सरासर गलत व भ्रामक है। बेस अस्पताल के डॉक्टर और सभी स्टाफ हमेशा हर मरीज की सेवा के लिए तत्पर रहते है।

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