देहरादून में 35 वें सड़क सुरक्षा माह का आगाज,कप्तान अजय सिंह ने हरी झंडी दिखाकर किया शुभारंभ…
देहरादून-: देश मे हर साल बढ़ते सड़क हादसों के मामलों में कमी लाने को केंद्र सरकार द्वारा हर वर्ष देशभर में सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया जाता है,जिसमे आज सोमवार को 35वें सड़क सुरक्षा माह का पुलिस कप्तान अजय सिंह द्वारा पुलिस लाईन रेसकोर्स से शुभारंभ किया गया। कप्तान अजय सिंह द्वारा सड़क सुरक्षा माह के शुभारंभ के मौके पर राजधानी वासियो को सड़क सुरक्षा नियमो के प्रति जागरूक करने को पुलिस टीम को बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई गई।
उक्त जागरुकता रैली में जनपद देहरादून के नगर क्षेत्र के समस्त थानों की 20 चीता मोबाईल, सीपीयू हॉक यूनिट सहित 40 मोटर साईकिल तथा 03 इण्टरसेप्टर वाहन सम्मिलित हुए। बाईक रैली पुलिस लाईन रेसकोर्स से प्रारम्भ होकर आराघर टी जंक्शन से आराघर, सर्वे चौक, बेनी बाजार, बहल चौक, ग्लोब चौक होते हुए घण्टाघर तथा घंटाघर से दर्शनलाल चौक, बुद्धा चौक, रेसकोर्स चौक होते हुए वापस पुलिस लाइन परेड ग्राउण्ड में समाप्त हुई।
इस वर्ष के सड़क सुरक्षा माह की थीम “युवाओं के मध्य जागरूकता” रखी गयी है,चूंकि सड़क हादसों का शिकार होने वालो में अधिकांश लोगों में युवाओं का प्रतिशत सबसे ज़्यादा है,तो ऐसे में हमारे देश का भविष्य युवाओं को यातायात नियमो की सीख हो यह सबसे जरूरी है। रैश ड्राइविंग, ओवरस्पीडिंग, ट्रिपल राइडिंग, हेलमेट न पहनना, नशे में धुत होकर वाहन चलाने वाले लोगो को भी यातायात नियमो के प्रति जागरूक करना 35वें सड़क सुरक्षा माह मे केंद्र बिंदु पर रखा गया है।
इस मौके पर पुलिस कप्तान अजय सिंह ने बताया कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। वर्ष 2024 में भारत में घटित सड़क दुर्घटनाओं में 1.80 लाख लोगों की मृत्यु हुई, इनमें से लगभग 30 हज़ार मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं, सडक दुर्घटनाओं में हुई मौतों में 66 प्रतिशत मृतक 18 से 34 वर्ष की आयु वर्ग के थे, इसी प्रकार उत्तराखण्ड में भी सड़क दुर्घटना में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, लगभग 90 प्रतिशत दुर्घटनाएं मानवीय लापरवाही के कारण होती हैं, जिनमें रैश ड्राइविंग, ओवरस्पीडिंग, गलत दिशा में वाहन चलाना, गलत तरीके से ओवरटेक करना, ओवरलोडिंग, और शराब पीकर गाड़ी चलाना प्रमुख कारण हैं।
अजय सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में हुई सडक दुर्घटनाओं के आंकडो के अनुसार यहां प्रतिदिन 04 दुर्घटनाओं में 03 व्यक्तियों की मृत्यु तथा 05 घायल होते हैं । सड़क दुर्घटनाओं की संख्या के आधार पर, उत्तराखंड देश में 23 वें स्थान पर है। उत्तराखण्ड में लगभग 80 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं 04 जनपदों (देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल) में होती है, जिनमें लगभग 67 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं में मृत व्यक्तियों की आयु 18 से 45 वर्ष होती है।
उन्होंने बताया कि उनकी पुलिस टीम द्वारा इस महीने सडक सुरक्षा माह के दौरान राजधानी के युवाओं को केंद्र बिंदु में रख यातायात नियमों के उन्हें जागरूक करने को भरपूर प्रयास करने सहित एनफोर्समेंट की कार्यवाही की जाएगी।
गौरतलब है कि युवाओं को सड़क सुरक्षा नियमो के प्रति जागरूक करने को पुलिस कप्तान द्वारा गत वर्ष दिसंबर महीने में अपनी टीम सहित एक अभियान चलाया शुरू किया गया है,जिसके तहत पुलिस द्वारा युवाओं को यातायात नियमो की सीख देने को जागरूक करने सहित उनके अभिभावकों को नियम के प्रति जागरूक करने को इस अभियान में सहभागी बनाया गया है।
कार्यक्रम के दौरान कप्तान अजय सिंह के सामने पुलिस द्वारा 180 मॉडीफाइड साइलेंसरो, जिन्हें चेकिंग के दौरान सी0पी0यू0/यातायात पुलिस द्वारा चालानी कार्यवाही कर वाहनों से उतरवाया गया था, को रोड रोलर के माध्यम से नष्ट किया गया।
35 वें सड़क सुरक्षा माह: 2025 के अन्तर्गत दून पुलिस द्वारा दिनांक 03/02/2025 से 15/02/2025 की अवधि में निम्नवत कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे –
1- विभिन्न स्कूलों/विद्यालयों/उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र/छात्राओं को कार्यशाला/लेक्चर के माध्यम से सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक करना।
2.- छात्र- छात्राओं को mybharat-gov-in पोर्टल पर ऑनलाईन प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करना।
3- सार्वजनिक स्थानों पर सड़क सुरक्षा जागरुकता सम्बन्धी बैनर/पोस्टर आदि का प्रदर्शन।
4- ओवर स्पीड / बिना हेलमेट / सीट बैल्ट वाहन संचालन करने वाले चालकों / सह चालकों के विरुद्ध विशेष चैकिंग अभियान।
5- व्यवसायिक वाहनो के चालकों का नेत्र परीक्षण।
6- आनलाइन प्रतियोगिताएं (चित्रकला, निबन्ध, स्लोगन एवं वाद विवाद प्रतियोगिता )
7- भारी वाहनों, ट्रैक्टर ट्राली आदि में रिफ्लैक्टर/ रिफ्लैक्टिव टेप न होने, खराब हैडलाईट के साथ वाहन का संचालन करने वाले चालकों के विरुद्ध विशेष चौकिंग अभियान।
8- गुड समेरिटन के सम्बन्ध में जागरुकता।
9- हिट एवं रन के सम्बन्ध में जागरुकता।