उत्तराखंड के हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की भारी बहुमत के साथ 46 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाने का फिर से मौका मिला है लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चुनाव हार जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी की भी चिंता बढ़ चुकी थी कि आखिर प्रदेश के मुख्यमंत्री का ताज किसको पहनाया जाए कई बड़े नेताओं के नाम चर्चाओं में चल रहे थे और काफी माथापच्ची और कई बैठकों का दौर चलने के बाद विधायक दल ने अपना नेता पुष्कर सिंह धामी को ही चुना शीर्ष नेतृत्व ने भी यह तय किया कि पुष्कर सिंह धामी को ही उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री बनाया जाए।
पुष्कर सिंह धामी का उत्तराखंड मुख्यमंत्री नाम फाइनल होते ही पछवा दून में जनता की एक मांग जोर पकड़ने लगी है जिसमें स्थानीय जनता विकासनगर विधानसभा से विधायक मुन्ना सिंह चौहान और सहसपुर विधानसभा से विधायक सहदेव सिंह पुंडीर को कबीना मंत्री बनाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है जिससे कि पछवादून क्षेत्र का विकास बेहतर हो सके लोगों का मानना है कि यदि इन दोनों ही विधायकों को यदि किसी बड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दी जाएगी तो उपेक्षा का क्षेत्र रहे पछवा दून का ज्यादा से ज्यादा विकास हो सकेगा और जो युवा पछवा दून से बड़े शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं वह भी कम होगा और साथ ही दोनों विधायकों के मंत्री बनने के बाद पछवा दून क्षेत्र पर्यावरण के लिहाज से बहुत ही सुंदर है जिस को पर्यटन के हिसाब से विकसित करने का काम भी बेहतर ढंग से हो सकेगा साथ ही पछवादून क्षेत्र से जुड़ा सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र है जिसको औद्योगिक हब बनाने की राह भी आसान हो जाएगी जिससे यहां के युवाओं को रोजगार के अनेकों अवसर प्राप्त होंगे।शिक्षा के लिहाज से भी यह क्षेत्र काफी बेहतर माना जाता है बड़े बड़े शिक्षण संस्थान यहां पर स्थापित हैं बस थोड़ा सा और ध्यान देने की जरूरत है क्षेत्र की पहचान एक एजुकेशन हब के रूप में हो जाएगी।
पछव दून को इंतजार है तो मुन्ना सिंह चौहान और सहदेव सिंह पुंडीर को कोई बड़ा मंत्रालय मिलने का अब देखना है यह होगा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व क्या फैसला लेता है।
:राजिक खान