देहरादून: पीएम मोदी के सलाहकार रहे भास्कर खुल्बे को उत्तराखंड में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है, वो केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी करेंगे. खुल्बे इन परियोजनाओं के लिए राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वयक की भूमिका निभाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार रहते भास्कर खुल्बे केदारनाथ और बदरीनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी करते रहे हैं. वो कुछ दिनों से उत्तराखंड प्रवास पर थे. इस दौरान खुल्बे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू से शिष्टाचार भेंट की थी.
कई दिन से चर्चा थी गर्म: इन मुलाकातों के बाद सचिवालय के गलियारों में भास्कर खुल्बे को प्रदेश सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था. मंगलवार दिनभर यह चर्चा गर्म थी कि उन्हें उत्तराखंड में रहते हुए पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
उत्तराखंड में नियुक्ति का कारण: प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे भास्कर खुल्बे को उत्तराखंड में अहम जिम्मेदारी ऐसे ही दिए जाने की चर्चा नहीं है, इसके पीछे की कई वजहें बताई जा रही हैं. हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बदरीनाथ और केदारनाथ पुनर्निर्माण के कामों में को खुद देख रहे हैं, लिहाजा सीएम पुष्कर सिंह धामी की पीएमओ में नजदीकियां भी उनको उत्तराखंड लाने का एक बड़ा कारण हो सकता है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास बदरीनाथ और केदारनाथ का पूरा फीडबैक सही समय पर पहुंचे, इसके लिए भी उनको चुना गया है. इसके पीछे कई तरह के राजनीतिक कारण बताए जा रहे हैं.
कौन हैं आईएएस भास्कर खुल्बे: भास्कर खुल्बे ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर से 1979 में जूलॉजी से एमएससी की थी. भास्कर का चयन भारतीय सेना में अधिकारी के पद के लिए हो गया था. उन्होंने छह मही तक ट्रेनिंग भी की. लेकिन मेडिकल कारणों से उन्हें वापस आना पड़ा था।
JRF, IFS के बाद बने IAS: इसके बाद भास्कर खुल्बे ने जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण की. प्रोफेसर जेएस बिष्ट के निर्देशन में पीएचडी शुरू कर दी थी. 1982 में उनका चयन इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज के लिए हो गया था. इसमें वह अखिल भारतीय स्तर पर तीसरे स्थान पर रहे थे. आईएफएस की ट्रेनिंग के दौरान भी वे पढ़ाई में लगे रहे. अंतत: उनका चयन आईएएस में हो गया. उनकी योग्यता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान उन्हें पीएमओ में महत्वपूर्ण पोस्टिंग दी गई थी. भास्कर मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. उनका परिवार नैनीताल में तल्लीताल में लक्ष्मी कुटीर के निकट रहता था. उनके पिता ख्यालीराम खुल्बे कांट्रेक्टर थे और उनके दो भाई नवीन व जीवन बैंक अधिकारी थे.