विकासनगर: डाकपत्थर बैराज क्षेत्र वैसे तो कहने को प्रोहिबिटेड एरिया कहलाता है और वास्तव में कागजों में भी दर्ज है लेकिन सिर्फ कहने मात्र को ही क्योंकि यहां पर किसी प्रकार की किसी को कोई रोक टोक नहीं है और तो और 1950 के दशक में बने पुल पर लगातार खतरा मंडरा रहा है।
आपको बता दें कि डाकपत्थर बैराज पुल 1950 के दशक में बनाया गया था जिस की समय अवधि पूरी हो चुकी है वर्ष 2006 में आईआईटी रुड़की विशेषज्ञो की टीम के द्वारा डाकपत्थर बैराज से लेकर कुल्हाल तक शक्ति नहर के ऊपर बने 1950 के दशक के इन पुलों का निरीक्षण किया गया था निरीक्षण के बाद विशेषज्ञों के द्वारा डाकपत्थर बैराज पुल सहित और भी कई पुलों को भारी वाहनों के लिए पूर्णतया प्रतिबंधित करने की अंतिम रिपोर्ट लगाई गई थी विभाग द्वारा नाम मात्र के बोर्ड लगाकर इस पर इतिश्री कर ली गई है। विभाग की लापरवाही का नतीजा पुल नंबर के धराशाई होने पर हम पहले भी देख चुके हैं।
बावजूद इस सब के डाकपत्थर बैराज पुल के ऊपर से लगातार रात दिन लगातार बड़े बड़े भारी भारी वाहन खनन सामग्री लेकर गुजर रहे हैं जिसमें 10 टायरा 12 टायरा 16 टायरा वाहन खनन सामग्री लेकर गुजर रहे हैं जिसकी वजह से पुल कभी भी धराशाई हो सकता है और किसी बड़ी दुर्घटना का सबब भी बन सकता है।
प्रभावित हो जाएगी उत्तराखंड जल विद्युत परियोजना
उत्तराखंड जल विद्युत परियोजना डाकपत्थर पावर हाउस से लेकर खारा पावर हाउस तक पुल के धराशाई होने पर प्रभावित हो जाएगी और सरकार को रोजाना लाखों करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि का सामना करना पड़ेगा।
UJVNL द्वारा जिस प्रकार आसन बैराज पुल भारी वाहनों के लिए पूर्णतया प्रतिबंधित किया जा चुका है और अब वहां से कोई भी भारी वाहन नहीं गुजर रहा है उसी प्रकार डाकपत्थर बैराज पुल पर भी भारी वाहनों के गुजरने पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए।
UJVNL के विभागीय अधिकारियों से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि विभाग के द्वारा कई बार प्रयास किए जा चुके हैं जैसे कि बैरियर लगाना और गाटर भी लगवा दिए गए थे जिनको खनन का काम करने वाले शरारती तत्वो के द्वारा तोड़ दिया गया पुलों की सुरक्षा के मामले को लेकर विभाग ने कई बार पुलिस के साथ पत्राचार भी किया है लेकिन पुलिस का इस मामले पर कोई सहयोग नहीं मिल पाया।
वहीं दूसरी ओर एसपी देहात कमलेश उपाध्याय के द्वारा कहा गया कि CO विकासनगर से इसकी विस्तृत जानकारी ली जाएगी और उसके बाद आगे की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। वही इस बाबत डाकपत्थर चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह गोसाई के द्वारा बताया गया कि पुलिस के द्वारा स्क्रीनिंग प्लांट और पट्टा स्वामी को कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
आखिर जब विभाग भी चाहता है और पुलिस प्रशासन भी चाहता है तो फिर पुल के ऊपर से इतने भारी भारी वाहनों पर रोक क्यों लग नहीं पा रही है यदि प्रशासन और विभाग चाहे तो बड़े-बड़े भारी वाहन तो क्या एक मोटरसाइकिल भी इस प्रोहिबिटेड एरिया से गुजर नहीं सकती।