नई दिल्ली। वेदांता समूह ने गुरुवार को कहा कि देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सरकार का समर्थन करने के लिए समूह की कंपनियों हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और ईएसएल ने वेदांता केयर्स पहल के तहत कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए अपना उत्पादन बढ़ा दिया है। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि स्टरलाइट कॉपर, जिसके पास तूतीकोरन में देश की सबसे बड़ी ऑक्सीजन उत्पादन इकाई है, ने तमिलनाडु सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन से संपर्क कर मदद की पेशकश की है। कंपनी ने देश में ऑक्सीजन की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए अपने 1,000 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट को चालू करने की मंजूरी मांगी है।
इसके लिए कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की है, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
हिंदुस्तान जिंक ने उदयपुर हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन को 1500 लीटर इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई है। कंपनी ने राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स स्थित अपने इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन प्लांट से 1000 लीटर तरल ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट किया है। यहां से कंपनी अपने मासिक ऑक्सीजन उत्पादन को 100 प्रतिशत अस्प्तालों को उपलब्ध कराती है। कंपनी ने कहा कि वह वर्तमान में प्रतिदिन पांच टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। कंपनी अपनी क्षमता में अतिरिक्त 2-3 टन प्रतिदिन की बढ़ोतरी करने की प्रक्रिया में है।
वेदांता समूह की स्टील निर्माता इकाई ईएसएल ने बोकारो के निकट अपना लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट रजिस्टर्ड कराया है। ईएसएल ने स्टील मंत्रालय की जरूरत के अनुरूप प्रतिदिन 10 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की प्रतिबद्धता जताई है। वेदांता ने अपने परिचालन वाले सभी स्थानों पर स्थानीय प्रशासन को स्वास्थ्य देखभाल संबंधी सहायता उपलब्ध करवाई है। कंपनी ने 5,000 से अधिक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों का टीकाकरण भी करवाया है।
वेदांता ग्रुप सीईओ सुनील दुग्गल ने कहा कि देश में इस समय मेडिकल ऑक्सीजन की भारी कमी है और हमारे उद्यम आपूर्ति बढ़ाने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान जिंक और ईएसएल ने पहले ही कोविड-19 मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी है, जबकि स्टरलाइट कॉपर ने अपने तूतीकोरन प्लांट से प्रतिदिन 1000 टन ऑक्सीजन आपूर्ति करने के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। कंपनी ने कहा है कि वह मुफ्त में यह ऑक्सीजन मरीजों को उपलब्ध कराएगी