देहरादून: उत्तराखंड में गैंगस्टर, भू माफियाओं, ड्रग तस्करों, इनामी अपराधियों और तमाम समाज में भय का वातावरण स्थापित करने वाले अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान में अब तक कोई खास कार्रवाई ना होने पर डीजीपी अशोक कुमार ने खासी नाराजगी जताई है. इस मामले में डीजीपी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के थाना प्रभारियों सहित संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक ली. साथ ही अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के लिए निर्देशित किया.
बैठक में डीजीपी अशोक कुमार ने एक बार फिर 1 दिसंबर 2022 से अगले 2 माह तक चलाए जा रहे विशेष अभियान में खासकर गैंगस्टर और माफियाओं व अन्य अपराधियों पर शिकंजा कंसने, अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई में तेजी लाने के निर्देश दिए. DGP ने सख्त लहजे में हिदायत देते हुए इस कार्रवाई में लापरवाही व शिथिलता बरतने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.वहीं अच्छा कार्य करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा. वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए DGP ने अपराध नियंत्रण व अपराधियों पर शिकंजा कसने की समीक्षा बैठक की.
DGP ने कहा कि हमारे पास कर्तव्य पालन के लिए तीन-तीन अधिकार हैं. सबसे पहले हमें राज्य सरकार द्वारा वर्दी दी गई है. दूसरा हमें अपराधियों से लड़ने के लिए शस्त्र दिए गए हैं. तीसरे हमारे पास कानून का अधिकार है. ऐसे में हम इन विशेष अधिकारों के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज कर अपराधियों को गिरफ्तार कर सकते हैं. हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम इन तीनों अधिकारों का सदुपयोग पीड़ितों, गरीबों, असहायों के हित में कार्य करके करें. अशोक कुमार ने कहा कि अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों में पुलिस का डर हो और आम नागरिक पुलिस को देख कर खुद को सुरक्षित महसूस करें.
बैठक में DGP ने दिए निर्देश
1. इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें.
2. वांडेट अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए दबिश बढ़ाएं और उन पर इनाम घोषित करें.
3. 25 हजार से अधिक इनामी राशि वाले अभियुक्तों पर इनाम घोषित करने के बाद उनकी फोटो सहित जानकारी को समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर प्रचारित-प्रसारित किया जाए. वहीं बॉर्डर जनपदों/सम्बंधित प्रदेशों के पुलिस थानों के साथ भी उनकी जानकारी साझा की जाए.
4. गढ़वाल और कुमाऊं परिक्षेत्र प्रभारी प्रदेश के प्रत्येक थाने में एक महिला उपनिरीक्षक की नियुक्ति सुनिश्चित करें.
5. सोशल मीडिया पर असत्य और भ्रामक खबरें पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई करें.
6. ऑपरेशन मुक्ति के तहत विभिन्न कारणों से स्कूलों से ड्रॉप हो रहे बच्चों को पुनः शिक्षा की ओर लाने में लगातार कार्य करें. जनपदीय एएचटीयू (एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) को सक्रिय रखें. वहीं सहयोगार्थ लीलाधर मेमोरियल कल्याण समिति के साथ भी एमओयू किया गया है.