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पेपर लीक कांड में सस्पेंड अनुभाग अधिकारी समेत 7 को भेजा जेल

हरिद्वार : राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से कराई गई लेखपाल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में स्पेशल टास्क फोर्स ने दो और आरोपितों को शुक्रवार सुबह हरिद्वार से दबोच लिया। यह दोनों मुकदमे में नामजद हैं।

एसटीएफ ने पूछताछ के बाद प्रकरण में गिरफ्तार सभी सातों आरोपितों को हरिद्वार स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। प्रकरण से गुस्साए बेरोजगार युवाओं ने राज्य लोक सेवा आयोग कार्यालय के बाहर न सिर्फ जमकर हंगामा किया, बल्कि सरकार से आरोपितों को कड़ी सजा देने की मांग भी की।

पेपर लीक होने का एसटीएफ ने किया था राजफाश

इसी आठ जनवरी को संपन्न लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का गुरुवार शाम एसटीएफ ने राजफाश किया था। पेपर लीक करने का आरोप आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और उसकी पत्नी रितु पर है। संजीव ने अपने जानकार हरिद्वार में निजी कालेज में लेक्चरर रामपाल समेत निजी लैब में टेक्नीशियन संजीव कुमार एवं राजपाल को पेपर बेचा था।

इसके बाद इन सभी ने अभ्यर्थियों को लक्सर (हरिद्वार) और बिहारीगढ़ (सहारनपुर) में अभ्यर्थियों को पेपर बेचकर नकल की पाठशाला लगा सवालों के जवाब याद कराए। एसटीएफ ने गुरुवार को आरोपित संजीव चतुर्वेदी व रितु समेत रामपाल, संजीव कुमार और राजपाल को गिरफ्तार कर लिया था। इनसे एसटीएफ ने 41 लाख रुपये नकद और मोबाइल फोन बरामद किए थे। इस मामले में एसटीएफ ने हरिद्वार के कनखल थाने में मुकदमा कराया था। पूछताछ के बाद दो और आरोपितों को नामजद किया गया था। शुक्रवार की सुबह एसटीएफ ने दोनों नामजद आरोपित मनीष कुमार निवासी गोविंदनगर पूर्वावली रुड़की और प्रमोद कुमार निवासी ग्राम गंगदासपुर लक्सर को भी गिरफ्तार कर लिया।

डाक्टर है आरोपित संजीव कुमार
एसटीएफ के मुताबिक, गिरफ्तार एक आरोपित संजीव कुमार पेशे से चिकित्सक है। वह सीएमआइ अस्पताल ज्वालापुर में डायलिसिस करता है। शुक्रवार को गिरफ्तार मनीष कुमार उसका परिचित है। मनीष को संजीव कुमार ने बताया था कि उसके पास लेखपाल परीक्षा का पेपर है। फिर मनीष ने यही बात अपने परिचित प्रमोद को बताकर साजिश में शामिल किया।

नकलची अभ्यर्थियों पर भी तलवार
पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थियों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। अब तक 35 अभ्यर्थियों के संबंध में एसटीएफ को जानकारी मिली है। इनके अलावा भी कुछ और संदिग्ध भी एसटीएफ के रडार पर हैं।

एसटीएफ की मानें तो जल्द कुछ अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी हो सकती है। अभी तक की जांच में संजीव चतुर्वेदी व उसकी पत्नी रितु ही मास्टरमाइंड के रूप में सामने आए हैं। लोक सेवा आयोग के कुछ अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की जांच एसटीएफ कर रही है।

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