देहरादूनः उत्तराखंड में फाइलों की सरकारी सिस्टम ऐसी जलेबी बनाता है कि किसी भी काम का पूरा होना मुश्किल हो जाता है. ऐसी ही व्यवस्था के खिलाफ मुख्यमंत्री धामी ने न केवल अफसरों को सख्ती के साथ व्यवस्था बदलने के निर्देश दिए हैं. बल्कि सरलीकरण और समाधान के सिद्धांत पर काम करने की सलाह भी दी है.
बता दें कि राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के सिद्धांत पर चल रही है. ये व्यवस्था खास तौर पर उस सिस्टम के लिए बेहद जरूरी हो गया है, जो महीनों तक किसी काम को एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर में भेजने तक ही सीमित दिखाई देता है. उत्तराखंड वन विभाग के अफसरों को ऐसी व्यवस्था के खिलाफ सीएम धामी ने सख्ती के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि लोग सूखे पेड़ों को कटवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटते रह जाते हैं. एक फाइल महीनों तक रेंजर से शासन तक पहुंचने में लगा देती है और फिर भी काम नहीं होता. इनता ही नहीं एनओसी के मामलों में तो लंबा समय लगने के बाद भी फिर से फाइलों को चक्कर लगवाए जाते हैं. लिहाजा, ऐसी व्यवस्था को बदलने के लिए अधिकारियों को सरकार के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के सिद्धांत पर काम करना चाहिए.
वन विभाग में आम लोग तमाम अनुमतियों के लिए दफ्तरों के चक्कर काटते रह जाते हैं, लेकिन लंबे समय तक भी लोगों के काम दफ्तरों में नहीं हो पाते. ऐसे अनुभव के साथ न केवल वन विभाग की छवि भी खराब होती है, बल्कि सरकार पर भी इसका खराब असर होता है. सीएम धामी ने इसी व्यवस्था पर सख्ती दिखाने के साथ अफसरों को बातों ही बातों में अल्टीमेटम भी दिया है.
उधर, मुख्यमंत्री के निर्देश मिलने के बाद वन विभाग में हॉफ विनोद सिंघल कहते हैं कि सूखे पेड़ों को लेकर जो अनुमति लोगों को चाहिए होती है, उसको वन विभाग जल्द ऑनलाइन करने जा रहा है. जिसके बाद इस तरह की समस्या खत्म हो जाएगी. जहां तक बात एनओसी की है तो सीएम के निर्देश के बाद व्यवस्थाओं को सरलीकरण, समाधान और निस्तारण की तरफ ले जाया जा रहा है.