देहरादून के जाखन क्षेत्र की मलिन बस्ती बॉडीगार्ड में अतिक्रमण कर बनाए गए घरों में नगर निगम का बुलडोजर चला। छह घंटे की कार्रवाई के दौरान 11 मकान तोड़े गए। इससे मलिन बस्ती में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोगों ने कार्रवाई का विरोध करने की कोशिश की, लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी में वह कुछ न कर सके। शाम चार बजे तक कार्रवाई पूरी कर टीम लौट गई।
एनजीटी के आदेश पर रिस्पना किनारे अतिक्रमण को लेकर निगम ने सर्वे किया था। इस दौरान 524 अतिक्रमण निगम की टीम को मिले थे, जिनमें 89 अतिक्रमण निगम की संपत्ति पर मिले थे। जांच के दौरान 15 मकानों को कार्रवाई की जद से बाहर कर दिया गया था। इसमें 74 अतिक्रमण शेष रह गए थे।
निगम ने दो दिनों तक कार्रवाई करते हुए 54 अतिक्रमण हटा दिए थे, जबकि 20 मकान शेष रह गए थे। इस दौरान बड़ी संख्या में हुए विरोध और राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद बचे 20 मकानों की फिर जांच हुई तो नौ और अतिक्रमण कार्रवाई की जद से बाहर हो गए। निगम को इन 11 मकानों पर कार्रवाई करनी थी, लेकिन मतगणना में पुलिस-प्रशासन की व्यस्तता के कारण पुलिस बल नहीं मिल पा रहा था। इस कारण अभियान बीच में ही रुक गया। मंगलवार को मतगणना संपन्न होने के बाद निगम ने फिर से पुलिस बल मांगा तो बृहस्पतिवार शाम को फोर्स मिल गई।
शुक्रवार सुबह अपर तहसीलदार विवेक राजौरिया, नगर आयुक्त गौरव कुमार, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, कर अधीक्षक राहुल कैंथोला के नेतृत्व में टीम पुलिस पल के साथ सुबह 10 बजे कार्रवाई स्थल पर पहुंच गई। निगम ने एक के बाद एक रीना, नवाब, राहुल, अनीश, सावित्री और अजय के मकान सहित 11 अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए उनको तोड़ दिया।
जाखन क्षेत्र में बड़े विरोध की आशंका थी। इसके चलते निगम ने फोर्स की मांग की थी। सीओ, इंस्पेक्टर, एसआई सहित 80 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इनके अलावा निगम की टीम में भी 60 से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारी, मजदूर मौजूद रहे। अभियान में तीन जेसीबी लगाई गई थीं। आपात स्थिति के लिए फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां भी मौके पर मौजूद रहीं।