देहरादून। डीआईजी रेंज नीरू गर्ग ने कहा कि थानों में यदि शिकायत सात दिनों में निस्तारित नहीं हुई और प्रार्थनापत्र अकारण लंबित रहा तो सीधे तौर पर थानाध्यक्ष जिम्मेदार होंगे। सभी शिकायती पत्रों को रजिस्टर में दर्ज करना होगा। जिनका नियमित तौर पर सीईओ निरीक्षण करेंगे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी सातों जनपद के पुलिस कप्तानों के साथ गोष्ठी कर रही थी।
डीआईजी ने सभी कप्तानों को अपने-अपने जिलों में डिजिटल मैपिंग करने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी जगह सीसीटीवी कैमरे इस तरह से लगवाए जाएं कि कम से कम समय में रूट मैप चिह्नित कर घटना का खुलासा किया जा सके।
इस महत्वपूर्ण योजना के लिए जिलों के राजपत्रित अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जाए। उन्होंने पर्वतीय जनपदों में भी सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया।
साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को मध्य नजर रखते हुए जांच अधिकारियों की ट्रेनिंग कराने के भी निर्देश दिए गए। एसएसपी देहरादून हरिद्वार को पर्वतीय जनपदों से सामंजस्य स्थापित करते हुए इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टरों की ट्रेनिंग साइबर एक्सपर्ट से कराने के लिए निर्देशित किया गया। नाबालिगों की गुमशुदगी मामलों में अभियान चलाने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने सीओ के नेतृत्व में टीम बनाकर ऐसे मामलों के शत प्रतिशत खुलासे के निर्देश दिए।
मानसून सत्र में बरतें ज्यादा सतर्कता
वर्तमान मानसून सत्र के दौरान अधिक बारिश की संभावना के मद्देनजर सभी जिला कप्तानों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। डीआईजी ने कहा कि आपदा प्रबंधन संबन्धी उपकरणों की क्रियाशीलता को उपयोगिता के दृष्टिगत पहले ही चेक कर लिया जाए। आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण प्राप्त कर्मियों की टीम गठित कर ली जाए। इसी प्रकार आगामी माह में चारधाम यात्रा प्रारंभ होने के दौरान यात्रा मार्ग में पूर्व निर्देशों के तहत आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था के लिए समुचित पुलिस प्रबंध सुनिश्चित कर दिया जाए।