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आम के हरे-भरे बाग को उजाड़ कर अवैध प्लाटिंग की तैयारी”

 

आम के हरे-भरे बाग को उजाड़ कर अवैध प्लाटिंग की तैयारी”

“पर्यावरण पर कुठाराघात: विकासनगर में सैकड़ों आम के पेड़ों की कटाई की तैयारी”

विकासनगर तहसील क्षेत्र में एक सदियों पुराने और हरे-भरे आम के बाग़ीचे को अवैध रूप से उजाड़ कर अवैध प्लाटिंग की तैयारी की जा रही है। हरे-भरे आम के बागान पर अवैध कटान का ख़तरा मंडरा रहा है। प्रशासन की अनुमति के बिना पेड़ों को काटने की तैयारी चल रही है ,यह एक गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है, खासकर उत्तराखंड जैसे पर्यावरण-संवेदनशील राज्य में।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आहवान पर जहां विश्व पर्यावरण दिवस और हरेला पर्व पर करोड़ों पौधे लगाने का रिकार्ड बना रहे है वही स्थानीय से लेकर बाहरी प्रदेशों से आकर भूमाफिया क्षेत्र की बागो को उजाड़ कर कंक्रीट के जंगल बनाने की योजना बना रहे हैं जिसका कारण है प्रदेश की राजधानी एव शहर के नजदीक होने के कारण वर्तमान प्लाटिंग का काम करने वाले भूमाफियाओ की नजर इन बागो पर लग गयी है। मुख्यमंत्री की वृक्षारोपण कवायद को भू-माफिया ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं. यहां आम के बाग में लगे आम के हरे-भरे पेड़ों को भू-माफिया ने काटकर सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ा कर प्लाटिंग का व्यवसाय कर रहे है।

आपको बता दे की शिमला बायपास रोड डांडापुर में जंगल से लगता आम का हरा भरा बगीचा जिस पर अब भू माफिया की बुरी और लालची नजर पड़ चुकी है इस बगीचे में लगभग 60 70 बीघा भूमि में खड़े आम के सैकड़ो हरे-भरे पेड़ काट कर अवैध प्लाटिंग की तैयारी चल रही है।

पूरे बगीचे में अवैध रूप से लाकर खनिज सामग्री यानी RBM डालकर बिना विभागीय अनुमति जेसीबी मशीन से RBM के रोड बनाए जा रहे हैं जिसको बाद में सीसी रोड बना दिया जाएगा और कमाल की बात तो यह है कि भू माफिया दिन के उजाले में ही खुल्लम-खुल्ला बगीचे में जेसीबी मशीन लगाकर RBM सामग्री फैला रहा है और संबंधित विभाग कुंभकरण की नींद सोए हुए हैं खनन विभाग /माइनिंग कंपनी की हजारों टन खनन सामग्री चोरी कर लाई जा रही है , बगीचे के अंदर जेसीबी मशीन को अवैध रूप से चलाया जा रहा है,आम का बाग काटने की तैयारी की जा रही है और संबंधित सभी विभाग अभिज्ञा बने बैठे है। जब पूरा बगीचा कट जाएगा आवैध खनन सामग्री से सड़के बन जाएंगी पूरी प्लाटिंग बिक जाएगी तब जाकर शायद संबंधित विभाग अपनी कुंभकरण की नींद से जागेंगे।

इसमें वन विभाग और उद्यान विभाग को चाहिए कि पेड़ों की गिनती सुनिश्चित करें और इस बगीचे में आम के पेड़ों की काटने की अनुमति ना दी जाए जिससे कि बाग बगीचों को संरक्षित किया जा सके वैसे भी यह आम का बगीचा सभा वाला वन क्षेत्र के जंगलों से लगता हुआ है इस बगीचे के ठीक पीछे जंगलात विभाग का चेक पोस्ट भी है। अब देखना यह होगा कि संबंधित विभाग पर्यावरण के लिहाज से इस खबर का संज्ञान कितनी गंभीरता से लेते हैं।

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