उत्तराखंड में भले ही नदियों से खनन का कार्य बंद हो गया हो राज्य के सभी खनन पट्टों से खनन कार्यों को बरसात के दिनों को देखते हुए 1 जुलाई से 3 महीने के लिए अक्टूबर माह तक बंद कर दिए गए हो किंतु उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बीच बहती यमुना नदी में हिमाचल प्रदेश पांवटा साहिब में लगे क्रेशर प्लांट से ट्रैक्टर ट्रॉलीयां उत्तराखंड की सीमा में घुसकर यमुना नदी से उत्तराखंड की खनिज संपदा को खुलेआम लूटकर ट्रैक्टर ट्रॉलीयों में भरकर नदी पार हिमाचल प्रदेश के क्रेशर प्लांट पर ले जा रहे हैं।
जिसको क्रेशर प्लांट उत्तराखंड से जाने वाली गाड़ियों को ही बेच कर प्रदेश को लाखों करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं और संबंधित विभाग चाहे प्रदेश का खनन विभाग हो या जंगलात विभाग या तहसील विभाग या फिर अन्य संबंधित विभाग किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
आपको बता दें कि पांवटा क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे कई क्रेशर प्लांट लगे हुए हैं उन क्रेशर प्लांट से ट्रैक्टर यमुना नदी पार उत्तराखंड की सीमा में घुसकर दिन रात अवैध खनन कर अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर ले जा रहे हैं यहां तक की उन ट्रैक्टर मालिकों ने उत्तराखंड की सीमा क्षेत्र में झुग्गी त्रिपाल डालकर अपने मजदूरों को ठहराया हुआ है जो रेत बजरी को छानकर तैयार रखते हैं और हिमाचल से आए ट्रैक्टर ट्रॉली उस खनन सामग्री को भरकर ले जाते हैं जिससे प्रदेश को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है यदि ढलीपुर की घाटी से यमुना नदी में देखा जाए तो उक्त ट्रैक्टर ट्रॉलीयों को खनन सामग्री भरकर हिमाचल में लगे क्रेशर प्लांट पर ले जाते हुए साफ देखा जा सकता है।
उत्तराखंड के संबंधित विभाग सीमा पार से आने वाले राज्य की खनिज संपदा को लूट कर ले जाने वालों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं करने से उनके हौसले बुलंद हैं और वह दिन रात राज्य की खनिज संपदा को लूट रहे हैं।