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पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के भी चुनाव से पहले बदले सुर

देहरादून उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बयान से भाजपा के अंदरखाने खलबली मची हुई है। पूर्व सीएम विजय ब​हुगुणा ने भाजपा में मुख्यमंत्री बदलने को सही ठहराया है।

इतना ही नहीं विजय बहुगुणा ने सीएम बदलने को रोटेशन पॉलिसी करार दिया है। विजय बहुगुणा के बयान से भाजपा को आने वाले दिनो में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। भाजपा सीएम पुष्कर सिंह धामी को सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट करने में जुटी है। लेकिन विजय बहुगुणा के इस बयान से भाजपा की पॉलिसी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बयान को लेकर सियासी मायने भी निकाले जाने लगे हैं कि अगर सरकार पूर्ण बहुमत में नहीं आया तो भाजपा को चेहरा कौन होगा।

चुनाव से पहले सक्रिय हुए बहुगुणा

चुनावी साल में उत्तराखंड की राजनीति में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा की सक्रियता के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। हरक सिंह और पुराने कांग्रेसी रहे विधायकों के कांग्रेस में जाने की चर्चा के बाद से विजय बहुगुणा देहरादून और उत्तराखंड की राजनीति में एक्टिव हैं। विजय बहुगुणा के देहरादून आने से बागियों की बयानबाजी तो बंद हुई लेकिन बागियों की नई सरकार को लेकर पॉलिसी का अब तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है। विजय बहुगुणा ने 2012 में भी कांग्रेस के अंदरखाने राजनीति कर खुद को सीएम पद तक पहुंचाया था। इसके बाद जब 2014 में हरीश रावत सीएम बने तो 2016 तक कांग्रेस में बगावत हो गई। इन सब प्रकरण में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा की ही सक्रियता देखी गई। ऐसे में विजय बहुगुणा कई जगह किंग मेकर की भूमिका भी निभाते नजर आ रहे हैं। अब भाजपा जब 2022 में भी पुष्कर सिंह धामी को सीएम के लिए चेहरा प्रोजेक्ट कर चुकी है तो ​ऐसे में विजय बहुगुणा का ये बयान भाजपा के अंदर थमे नए तूफान के भी संकेत दे रहा है।

आज सीएम तो कल हो सकते हैं कार्यकर्ता

मीडिया में दिए एक बयान में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने कहा कि भाजपा में एक बार मंत्री या मुख्यमंत्री बनकर हमेशा राज करने की नीति नहीं है, इसलिए मंत्री-मुख्यमंत्रियों को हटाकर पार्टी काम में लगा दिया जाता है। विजय बहुगुणा ने आगे कहा कि मंत्री-मुख्यमंत्रियों की रोटेशन पॉलिसी एक तरह से ठीक है। भाजपा ने गुजरात में यह कर दिखाया है। उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि वंस ए चीफ मिनिस्टर, ऑलवेज ए चीफ मिनिस्टर की नीति भाजपा में नहीं चलती है। इसलिए आज आप यदि मुख्यमंत्री, मंत्री हैं तो कल आपको पार्टी का काम भी सौंपा जा सकता है। रोटेशन कुल मिलाकर अच्छी पॉलिसी है। साढ़े चार साल तक उत्तराखंड में कम सक्रियता के सवाल पर बहुगुणा ने कहा कि बैट्समैन मैच शुरू होने पर ही स्टेडियम में नजर आता है, बाकी समय स्टेडियम में तमाशबीन रहते हैं। इसलिए मैच चुनाव शुरू होते ही बहुगुणा यहां पहुंच गया है। बहुगुणा ने कहा कि चुनाव को लेकर हर कार्यकर्ता, नेता गंभीर हैं। हम अपनी रणनीति का मूल्यांकन कर रहे हैं। भाजपा स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाएगी, ताकि सीएम बिना किसी प्रेशर के काम कर सके।

तो क्‍या अंदरखाने पक रही खिचडी

विजय बहुगुणा के मिशन 60 प्लस को लेकर भी दिए बयान से पार्टी असहज नजर आ रही है। विजय बहुुगुणा ने कहा है कि कार्यकर्ता उत्साह में है। लेकिन भाजपा स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाएगी। एक तरफ भाजपा मिशन 60 प्लस का नारा दे रही है। वहीं विजय बहुगुणा को संदेह नजर आ रहा है। विजय बहुगुणा के इन बयानों से उत्तराखंड में भाजपा को असहज कर दिया है। जिससे विपक्ष को हमला करने का मौका मिल गया है। भाजपा हाईकमान पूरी तरह से पुष्कर सिंह धामी को चेहरा बनाकर चुनाव मैदान में उतार चुकी है। जिसको लेकर पार्टी के अंदर अब कोई चर्चा भी नहीं हो रही है। ऐसे में विजय बहुगुणा की बयानबाजी भाजपा को मुश्किल में डाल सकती है। विजय बहुगुणा का ये बयान ये भी संकेत दे रहा है कि क्या 2016 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए विधायकों को धामी के नाम पर एतराज है। या फिर दूसरे बड़े चेहरे अब भी सीएम बनने के सपने देख रहे हैं। जो कि बहुमत कम होने या दूसरी स्थिति में ऐसे चेहरे पर दांव खेलने की रणनीति बनाने में जुटे हैं, जो जोड़ तोड़ में माहिर हो।

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