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मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए किया जा रहा स्क्रीनिंग प्लांट का संचालन, संबंधित विभागों ने दी मौन सहमति

विकासनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गत कयीं स्टोन स्क्रीनिंग प्लांट संचालित हैं जिन पर संबंधित विभागों का नियंत्रण ना होने की वजह से प्लांट के संचालनकर्ता सभी नियमों और मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए प्लांट का संचालन कर रहे हैं।

आपको बता दें कि वैसे तो पछवादून क्षेत्र एनजीटी के दायरे में आता है जिसमें खनन कार्यों को लेकर कई तरह के प्रतिबंध भी हैं बावजूद इसके राज्य सरकार द्वारा कुछ मानक निर्धारित करते हुए नई नियमावली बनाकर खनन कार्यों की अनुमति दे दी गई है जिससे कि सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो सके परंतु जहां सरकार द्वारा कुछ नियम व मानक निर्धारित किए गए हैं उन सभी नियमों और मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन कारोबारी खनन कार्य कर रहे हैं चाहे वह पट्टा धारक हो या फिर स्क्रीनिंग प्लांट संचालक।

ऐसा ही एक मामला रामसा वाला ग्राम पंचायत साधना नदी से लगते हुए साईं स्क्रीनिंग प्लांट का है जो नदी से मात्र 10-15 मीटर की दूरी पर संचालित हो रहा है जो कि नियम विरुद्ध है प्लांट संचालक के द्वारा सभी नियमों को ताक पर रखकर उक्त स्क्रीनिंग प्लांट का संचालन किया जा रहा है जिसकी ना तो चारों तरफ की बाउंड्री वाल है और ना ही कोई पानी छिड़काव की व्यवस्था जिसे धूल गुबार को रोका जा सके जहां तक जानकारी मिली है कि उक्त प्लांट संचालक के पास प्रदूषण विभाग द्वारा न ही कोई अनुमति पत्र लिया गया है जिससे कि वह प्लांट का संचालन कर सकें।

आपको बता दें कि प्लांट संचालक के द्वारा प्लांट से लगती सारना नदी में अवैध खनन कर 15 से 20 फीट के गड्ढे बना दिए गए हैं जिसमें पूरा पूरा ट्रैक्टर-ट्रॉली समा जाता है जो कि पर्यावरण के लिहाज से बेहद कष्टदायक है जिसके परिणाम आने वाले बरसात में देखने को मिल सकते हैं आखिर पर्यावरण की विभाग की टीम कहां सोई हुई है आखिर उन लोगों की क्या जिम्मेदारी है यह सुनिश्चित की जाए।
दूसरी ओर सरकारी राजस्व को भी लाखों रुपए की हानी उक्त प्लाट संचालक द्वारा पहुंचाई जा रही है प्लांट संचालक लोडिंग वाहनों में ओवरलोड खनन सामग्री भरकर कम वजन का रवाना काट कर दे देते हैं जिससे वाहन स्वामी उसी एक रवन्ने पर पूरा दिन खनन सामग्री का ढुलान करता रहता है दूसरा रवन्ना लेने की उसको जरूरत ही नहीं पड़ती प्लांट स्वामी हर चक्कर पर भरी खनन सामग्री की रकम के साथ अवैध रूप से कुछ रकम उस वाहन स्वामी से ले लेता है जिससे सरकार को रोजाना लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। प्लांट संचालक के द्वारा प्लांट पर अवैध रूप से काफी भारी मात्रा में खनन सामग्री का भंडारण किया हुआ है।

आपको बता दें कि जब इस बारे में वहां प्लांट पर मौजूद कर्मचारियों से पूछा गया कि उनके द्वारा इस तरह की लापरवाही क्यों बरती जा रही है क्यों मानको और नियमों का पालन नहीं हो रहा है तब उन लोगों का यह कहना था कि प्लांट मालिक के शासन प्रशासन में बहुत अच्छे संबंध हैं इसलिए उनको किसी बात की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।

खैर संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की भी चाहिए कि वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही से करें संबंध इतने गहरे भी ना बनाएं कि कोई उनके संबंधों का नाजायज फायदा उठाये और सरकारी राजस्व मे लाखों का नुकसान पहुंचाते हुए पर्यावरण के साथ भी खिलवाड़ करें।

रिपोर्ट:राजिक खान

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