उत्तराखंड के रुद्रपुर में कुंडा थाना क्षेत्र के भरतपुर गांव में पत्नी की फायरिंग में मौत के बाद बवाल मच गया। इस पर धामी सरकार और योगी आदित्यनाथ की पुलिस आमने-सामने आ गई है। बुधवार देर रात को मचे बवाल के बाद आज गुरुवार को फॉरेंसिंक टीम ने भरतपुर गांव जाकर सबूत जुटाए।इस मामले में उत्तराखंड और यूपी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।
डीआईजी एनए भरणे ने कहा
इस मामले पर डीआईजी एनए भरणे ने कहा कि यूपी पुलिस उत्तराखंड में स्थानीय पुलिस को बिना कोई सूचना दिए दबिश देने आई थी। जिसके बाद बवाल शुरू हो गया। वहां कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं थे। यह बहुत ही ज्यादा गलत बात है कि पुलिसकर्मियों द्वारा जबरन घर में घुसकर फायरिंग की गई।जिसकी वजह से एक महिला की मौत हो गई। बाद में हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया।
ग्रामीणों के खिलाफ विभिन्न धाराओं का केस दर्ज
तीन पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। इसके साथ ही तीन पुलिसकर्मी ग्रामीणों के साथ हुई झड़प में घायल हो गए, जबकि ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। वहीं घटना के बाद यूपी पुलिस ने भी ग्रामीणों के खिलाफ विभिन्न धाराओं का केस दर्ज कर लिया। यूपी पुलिस भी मामले की गहनता से जांच कर रही है। यही वजह है कि जब ज्यादा सादा कपड़ो में यूपी पुलिस गांव के एक घर की छत पर पहुंची उन्होंने ग्रामीणों के पूछताछ करने पर पिस्टल निकालते ही बहुत बड़ा बवाल हो गया।
मालूम हो कि बुधवार रात ऊधमसिंह नगर जिला पुलिस के आला अधिकारियों या स्थानीय पुलिस को यूपी पुलिस की दबिश की कोई सूचना नहीं थी। यही वजह रही कि जब सादा कपड़ों में यूपी पुलिस गांव के एक घर की छत पर पहुंची और उन्होंने ग्रामीणों के पूछताछ करने पर पिस्टल निकाली तो बवाल खड़ा हो गया था।
यूपी पुलिस की कार्रवाई के दौरान गोली लगने से जसपुर के ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की जान चली जाने के बाद ग्रामीणों के आक्रोश और सड़क जाम करने के बाद अब उत्तराखण्ड पुलिस और यूपी पुलिस आमने-सामने आ गए हैं। नियमानुसार, किसी भी दूसरे प्रदेश की पुलिस जब अन्य प्रदेश में किसी आरोपी को पकड़ने के लिए जाती है, तो स्थानीय थाना या चौकी में आमद दर्ज कराती है।