उत्तराखंड में सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा. इससे संबंधित शासनादेश प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु की ओर से जारी किया गया है. साथ ही पुलों से संबंधित अद्यतन रिपोर्ट को हर हाल में 3 हफ्ते के भीतर उपलब्ध कराने को कहा गया है। वहीं, यदि पुलों पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो संबंधित अधिशासी अभियंता की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
देहरादूनः गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी के ऊपर बने केबल पुल टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. उत्तराखंड में भी कई पुल हैं, जो जर्जर हालत में हैं. लिहाजा, उत्तराखंड के पुलों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट करने का निर्णय लिया है. इसके लिए प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने आदेश भी जारी कर दिया है।
आदेश के अनुसार, उत्तराखंड में पुलों का उचित अनुरक्षण न होने, मानकानुसार समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट की निर्धारित समय में व्यवस्था न होने, भार क्षमता से अधिक यातायात संचालन होने, पुलों के पास साइनेज न होने और पुलों की अत्यधिक समयावधि (निर्माण की) होने से कई हादसे हो रहे हैं. जिसमें जान-माल के नुकसान के साथ आवागमन बाधित हो रहा है।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. साथ ही प्रदेश में अवस्थित पुलों से संबंधित अद्यतन सूचना हर हाल में 3 हफ्ते के भीतर शासन में उपलब्ध कराने को कहा है. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि पुलों के संबंध में लोक निर्माण विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित किया जाए. जो पुल सालों पहले बनाए गए हैं, उनमें भार क्षमता के आधार पर आवागमन सुनिश्चित किया जाए।
वहीं, प्रत्येक पुलों का सेफ्टी ऑडिट करते हुए आवश्यकतानुसार अनुरक्षण आदि का प्रस्ताव तत्काल शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है. साथ ही पुलों के पास साइनेज की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. यदि पुलों पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो संबंधित अधिशासी अभियंता की जिम्मेदारी तय की जाएगी।