विकासनगर: भू माफियाओं द्वारा अवैध प्लाटिंग के चक्कर में आम के हरे भरे पेड़ों पर आरियां चलाए जाने का काम किया जा रहा है आपको बता दें कि ढकरानी ढलीपुर बसेरा होटल के पास एक लगभग 6 बीघा आम का बगीचा है इसमें हरे फलदार आम के पेड़ खडे हैं इस बगीचे को भू माफियाओं द्वारा प्लॉटिंग कर ज्यादा मुनाफा कमाने की मंशा से खरीद लिया गया और धीरे-धीरे बगीचे के पेड़ों पर आरियां चलाने लगा तभी स्थानीय लोगों के द्वारा अरे फलदार पेड़ों को काटने को लेकर विवाद किया गया तो उक्त भू माफिया उद्यान विभाग में सांठगांठ कर पांच पेड़ों की परमिशन बनवा लाया जिसमें भू माफियाओं के द्वारा 5 आम के पेड़ों को सूखा हुआ बताकर और मकान पर गिरने की आशंका जताकर। उद्यान विभाग ने 13 अक्टूबर 2022 से लेकर 15 दिनों का समय पातन के लिए दिया था जिसमें 15 दिन बीत जाने के बाद भी 15 नवंबर तक आम के हरे भरे पेड़ों को धीरे धीरे ठिकाने लगाया जा रहा था जब मीडिया की टीम मौके पर पहुंची तो पेड़ों को कटवा रहा ठेकेदार वही पुरानी पांच पेड़ों की परमिशन दिखाने लगा और कहने लगा कि हमने तो इसी परमिशन के आधार पर पूरे आम के पेड़ों के बगीचे को काटने का ठेका लिया हुआ है।
आपको बता दें कि पूर्व में भी उक्त भूस्वामी ने बगीचे में खड़े सागवान के 3 पेड़ों के काटने की परमिशन जंगलात विभाग से ले ली जिसकी आड़ में सात सागवान के पेड़ काट डाले थे और बगीचे में खड़े कई आम के पेड़ों पर भी आरियां चला दी थी तब भी विवाद उठने पर जंगलात विभाग और उद्यान विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी उस वक्त इस आम के बगीचे में लगभग 37 हरे भरे आम के पेड़ गिनती में आए थे फिर कहां से इस बगीचे में 5 आम के पेड़ सूख गए जो उद्यान विभाग ने पेड़ों के पतन की अनुमति दे दी थी अब सवाल यह उठता है कि क्या उद्यान विभाग बिना छानबीन करें पेड़ों के पतन के लिए अनुमति दे देता है और अनुमति लेने वाला उस कुछ एक पेड़ों के पतन की अनुमति की आड़ में कितने ही पेड़ काट डालता है और उद्यान विभाग को इसकी खबर भी नहीं होती और ना ही उद्यान विभाग के अधिकारी कर्मचारी इसकी खबर लेना चाहते हैं क्योंकि यह सारा खेल विभाग की मिलीभगत के चलते ही होता है यह एक मामला नहीं ऐसे कई मामले पछवा दून क्षेत्र में रोजाना सामने आते रहते हैं लेकिन ढाक के तीन पात।
अवैध प्लाटिंग के चक्कर में उड़ाया जा रहा आम का बगीचा
