देहरादून स्थित राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज (आरआइएमसी) में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मध्य प्रदेश के दो छात्रों के प्रवेश लेने के मामले की जांच कैंट कोतवाली पुलिस करेगी।22 अक्टूबर को कैंट कोतवाली पुलिस ने दोनों छात्रों के पिता के विरुद्ध जीरो एफआइआर दर्ज कर जांच संबंधित राज्यों को भेज दी थी।
दोनों आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू
आरआइएमसी की ओर से कैंट कोतवाली पुलिस से आग्रह किया गया कि आरोपितों ने फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग देहरादून में ही किया है। अपराध यहीं हुआ है, लिहाजा मुकदमा भी यहीं दर्ज होना चाहिए। इसके बाद कैंट कोतवाली ने दोनों आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दोनों छात्रों के प्रवेश भी निरस्त किए जा चुके हैं।
जन्मतिथि, निवास समेत अन्य प्रमाण पत्र फर्जी
लेफ्टिनेट कर्नल आरआइएमसी अभिषेक राणा ने कैंट कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी पप्पू तोमर ने अपने बेटे प्रथम तोमर का प्रवेश दस जून 2022 को आरआइएमसी में आठवीं कक्षा में करवाया था। जांच में सामने आया कि पप्पू तोमर ने बेटे की जन्मतिथि, निवास समेत अन्य प्रमाण पत्र फर्जी लगाए थे। 14 मार्च और 22 अक्टूबर 2020 को इसी छात्र ने अनुराग सिंह तोमर नाम से प्रवेश के लिए आवेदन किया था। तब जन्मतिथि 26 सितंबर 2008 बताई गई थी। प्रवेश सत्र के तहत 27 मार्च 2021 को दिए गए आवेदन में नाम प्रथम तोमर और जन्मतिथि 10 मई 2010 बताई गई।
अक्तूबर में आवेदन के बाद प्रवेश भी करवा दिया
दूसरे मामले में युवराज सिंह निवासी गोहद जिला भिंड, मध्य प्रदेश ने अपने बेटे शिव प्रताप सिंह का प्रवेश 20 सितंबर 2022 को आठवीं कक्षा में करवाया था। जांच में छात्र के जन्म प्रमाण पत्र, निवास और शैक्षिक दस्तावेज फर्जी पाए गए। कैडेट के स्वजन ने 19 मार्च और 18 नवंबर 2020 को भी बेटे के प्रवेश के लिए आवेदन किया था। तब छात्र का नाम शिव प्रताप सिंह था और जन्मतिथि आठ सितंबर 2008 बताई गई। 12 अप्रैल 2021 और 18 अक्तूबर 2021 को किए गए आवेदन में छात्र का नाम सिर्फ शिव था, जबकि उसकी जन्मतिथि आठ मार्च 2010 बताई गई। अक्तूबर में आवेदन के बाद प्रवेश भी करवा दिया गया। कैंट कोतवाली निरीक्षक राजेंद्र सिंह रावत के अनुसार, दोनों छात्रों के पिता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।