विकासनगर-विकासनगर तहसील क्षेत्र और आसपास क्षेत्रों में कृषि भूमि की बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग कर बिना डायवर्सन के खरीद-फरोख्त करने का गोरखधंधा तेजी से पनप रहा है। क्षेत्र में बड़े-बड़े नामचीन भू माफिया सक्रिय हैं। राजस्व विभाग की कथित सांठगांठ से जारी अवैध कालोनियों की खरीद फरोख्त के मामले में प्रशासनिक उदासीनता से जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग रहा है।
ऐसा ही एक मामला एनएच 72 खुशालपुर पेट्रोल पंप के सामने देखने को मिला है बिना भूमि को 143 कराए यानी कि कमर्शियल लैंड में परिवर्तित कराए बिना कई एकड़ खेती वाली जमीन बेची जा रही है। प्रशासनिक अनुमति के बगैर बिना एमडीडीए के अप्रूव्ड कराएं सीसी रोड बनाकर प्लाट काटकर बेचने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। जिला प्रशासन की उदासीनता की वजह से अवैध प्लाटिंग करने वाले भू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।किसानों को झांसे में लेकर कम दाम में जमीन का सौदा कर बगैर प्रशासनिक अनुमति के अवैध प्लाटिंग की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक अवैध प्लाटिंग का काम जो लोग कर रहे हैं, उनका रेरा में पंजीयन तक नहीं हैं और ना ही किसी के पास कॉलोनाइजर का लाइसेंस प्राप्त है। कालोनाइजर एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए भू माफियाओं ने असली भूस्वामियों से एकड़ के भाव में जमीन का एग्रीमेंट कर उसे वर्गफीट के हिसाब से बेचते हुए करोड़ो रुपये की चपत सरकार को लगा रहे हैं। दो हजार वर्गफीट से लेकर 2400 वर्गफीट तक के प्लाट लोगों को धोखे में रखकर अवैध तरीके से बेचा जा रहा है। भू माफिया जमीन को मनमाने कीमत पर बिक्री कर मालामाल हो रहे हैं। प्लाट खरीदने वालों के साथ तो धोखाधड़ी हो ही रही हैं, साथ ही शासन को राजस्व का भी चूना लग रहा है।