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उत्तराखंड में 10 मई से लगेंगे 18 से 45 वर्ष आयु के लोगों को लगेगी वैक्सीन, राज्य को मिली एक लाख डोज वेक्सीन

शनिवार को कोविशील्ड वैक्सीन की एक लाख डोज उत्तराखंड पहुंच गई है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उत्तराखंड में 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों को 10 मई से कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी। इस आयु वर्ग के 50 लाख लोगों को वैक्सीन निशुल्क लगेगी। इसके लिए सरकार चार सौ करोड़ की राशि खर्च करेगी। जिसमें 100 करोड़ की राशि स्वास्थ्य विभाग को जारी हो चुकी है।

स्वास्थ्य सचिव अमित सिंह नेगी ने बताया कि प्रदेश में 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाने के लिए सरकार की ओर से वैक्सीन खरीदी जा रही है।

शनिवार को कोविशील्ड वैक्सीन एक लाख डोज को इंडिगो एयरलाइन से जौलीग्रांट पहुंचाया गया। वैक्सीन को राज्य औषधि भंडार केंद्र चंदरनगर में वॉक इन कूलर में रखा गया है। जहां पर जनपदों को वैक्सीन की आपूर्ति की जा रही है।

वैक्सीन आपूर्ति होने से 10 मई से प्रदेश में 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू किया जाएगा। इस आयु वर्ग 50 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जानी है। टीकाकरण निर्धारित केंद्रों पर होगा। जिसकी जानकारी कोविन पोर्टल के माध्यम से लाभार्थियों को दी जाएगी।

सचिव ने बताया कि 28 अप्रैल से कोविन पोर्टल और आरोग्य सेतु पर 18 से 45 आयु वर्ग के लाभार्थियों का पंजीकरण शुरू किया गया था। जिसमें पंजीकरण कराने वाले लाभार्थियों को टीकाकरण कराने से पहले आनलाइन अनुमति लेना अनिवार्य है। जिसके बाद ही टीका लगाने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर पर जाना होगा।
बड़ी और खुली जगहों पर वैक्सीनेशन करने के निर्देश मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि शादी व विभिन्न समारोह में भीड़ और वस्तुओं व दवाओं की कालाबाजारी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। उन्होंने बड़ी और खुली जगहों पर वैक्सीनेशन करने के निर्देश दिए।
कोविड वैक्सीनेशन को और तेजी से करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उत्तराखंड में 18 वर्ष से 45 वर्ष तक की आयु के लोगों के लिये कोविड वैक्सीन आते ही इनके वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाए।

मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों व सेना के रिटायर्ड अफसरों से भी मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि हमें कोविड डेथ रोकने के लिए अधिक ध्यान देना होगा।

सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति और वैक्सीनेशन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमें कोविड डेथ को रोकने के लिए सबसे ज्यादा ध्यान देना होगा। कोविड संक्रमित तुरंत जरूरी दवाइयां लें, इसके लिए हमें मेडिकल किट उपलब्ध कराने के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था की ओर जाना होगा।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि कोरोना के बदलते स्ट्रेन को देखते हुए आगे तैयारी की जाए। आगामी दिनों के लिए जरूरी ऑक्सीजन का आंकलन करते हुए उसी के अनुरूप आवश्यक संख्या में टैंकरों की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है।

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि प्रदेश में रेमडेसिविर की पर्याप्त उपलब्धता है। इसके लिए पूरी प्रक्रिया भी निर्धारित की गई है। कोविड की चेन को ब्रेक करने पर फोकस किया जा रहा है। जो भी टेस्ट कराने आता है, उसे तुरंत मेडिकल किट दी जा रही है।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस द्वारा थाना स्तर पर मिशन हौसला शुरू किया गया है। इसमें आकस्मिक स्थिति में जरूरतमंदों तक दवाइयों की होम डिलीवरी, ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराना, कोविड संक्रमितों को घर पर भोजन पहुंचवाना, एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई जा रही है।

सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने कोविड व वैक्सीनेशन की विस्तार से जानकारी दी। कोविड प्रबंधन के लिए नियुक्त किए गए विभिन्न नोडल अधिकारियों से भी जानकारी ली गयी। वीडियो कांफ्रेंसिग में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी उपस्थित थे।

समारोह में भीड़ भाड़ पर होगा सख्त एक्शन मुख्यमंत्री ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न समारोहों और आयोजनों में निर्धारित सीमा से अधिक संख्या में लोगों के शामिल होने पर सख्त एक्शन लिया जाए।

कंटेनमेंट जोन पर विशेष फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि कंटेनमेंट जोन पर विशेष फ़ोकस किया जाए ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। पूर्व सैनिकों व सेना के रिटायर्ड डाक्टरों की मदद मांगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सेना के रिटायर्ड कर्मियों की भी मदद कोरोना के खिलाफ इस जंग में ली जाए।

बड़ी और खुली जगहों पर टीकाकरण के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन सेंटरों में कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाए। जहां तक हो सके, बड़ी और खुली जगहों पर वैक्सीनेशन का प्रबंध किया जाए।

वस्तुओं की कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि कालाबाजारी और ओवर रेटिंग करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। ऑक्सीजन के समुचित उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।

ऑक्सीजन प्लांटों के काम तेजी से पूरे हों

अस्पतालों में ऑक्सीजन उपयोग की लगातार ऑडिटिंग की जाए। निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांट का काम तेजी से पूरा किया जाए। ऑक्सीजन प्लांटों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो।

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