देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को पूर्ण वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीन की कमी महसूस की जा रही है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि यदि राज्य सरकार वैक्सीन का आयात करने के लिए अधिकृत है, तो फिर उत्तराखंड को भी इसकी अनुमति दी जाए। इसके साथ ही सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की सही स्थिति जानने के लिए यहां मोबाइल टेस्टिंग वैन शुरू करने की तैयारी भी कर रही है।
प्रदेश में कोरोना से बचाव को 18 वर्ष से 44 आयुवर्ग के व्यक्तियों का वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का वैक्सीनेशन पहले से ही चल रहा है।
इस कड़ी में अब तक 17.79 लाख व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। सोमवार को ही 63 हजार से अधिक व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई गई। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन वैक्सीनेशन की क्षमता एक लाख व्यक्ति है।
वैक्सीन के इतने डोज प्रदेश सरकार के पास उपलब्ध नहीं हैं। केंद्र से सीमित कोटा मिल रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने केंद्र को वैक्सीन के संबंध में पत्र लिखा है। केंद्र से पूछा गया है कि क्या राज्य सरकार को वैक्सीन आयात करने का अधिकार है। यदि है तो फिर उत्तराखंड को इसकी अनुमति दी जाए। राज्य सरकार वैक्सीन के आयात के लिए तैयार है। पर्वतीय क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की जांच को उपकरणों की कमी के संबंध में मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार इसके प्रति गंभीर है।
पर्वतीय क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की जांच तेजी से हो सके, इसके लिए मोबाइल टेस्टिंग वैन की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए निविदा निकाल कर कंपनियों से रिक्वेस्ट फार प्रोपोजल दिया गया है। जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। दूरस्थ क्षेत्रों में ये वैन पहुंचाई जाएंगी। प्रयास रहेगा कि कोरोना संक्रमितों को उनके निकटवर्ती क्षेत्रों में इलाज मुहैया कराया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार जांच की संख्या लगातार बढ़ाएगी। उन्होंने सभी से अपील की कि लक्षण दिखते ही तुरंत उपचार कराना शुरू कर दें।