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सरकारी भूमि पर अतिक्रमण पर सख्त सीएम धामी, सभी विभागों को जमीन का ब्यौरा रखने के निर्देश

देहरादूनः उत्तराखंड में इन दिनों अवैध अतिक्रमण का मामला सुर्खियों में है. वर्तमान स्थिति ये है कि सबसे ज्यादा वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वही, अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को हुए मंत्रिमंडल की बैठक में बड़ा निर्णय लिया है. जिसके तहत सीएम धामी ने सभी विभागों को इस बाबत सख्त निर्देश दिए हैं कि वो अपने जमीनों का पूरा ब्यौरा रखेंगे.

उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि सरकारी जमीनों पर लगातार हो रहे अतिक्रमण को रोकने के साथ ही भविष्य में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण न हो, इसके लिए सभी विभागों को अपनी जमीनों को रिकॉर्ड रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. सभी विभाग पेपर और डिजिटल रूप से अपने जमीनों का ब्यौरा रखेंगे. इसके साथ ही जमीनों को लेकर अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी. अगर जमीन पर अतिक्रमण हुआ तो संबंधित अधिकारी उसका जिम्मेदार होगा।

सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण रोकने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके साथ ही हर महीने सैटेलाइट इमेज भी लिया जाएगा. जिससे अतिक्रमण की सही जानकारी भी उपलब्ध हो पाएगी. सीएस एसएस संधू ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में कई बार अतिक्रमण की जानकारी नहीं मिल पाती है.

लिहाजा, सैटेलाइट इमेज से अतिक्रमण की जानकारी मिल पाएगी और भविष्य में होने वाले अतिक्रमण पर लगाम लगाया जा सकेगा. शहर की बात करें तो कोई अतिक्रमण होता है तो उसकी जानकारी आसानी से मिल जाती है. इसके अलावा केस बाइ केस अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर निर्णय लिया जाएगा.

उत्तराखंड के सभी जिलों में बनेगी साइट सिलेक्शन कमेटीः जिलों में कई बार सरकारी भवनों अस्पताल या फिर अन्य कार्यालयों को खोलने के लिए हमेशा इस बात पर जोर दिया जाता है कि सरकारी जमीन पर विभागों को खोला जाए, लेकिन सरकारी जमीन के चलते कई बार इन कार्यालयों या अस्पताल को जनता की पहुंच से काफी दूर बना दिया जाता है. जिससे पब्लिक को पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाती है.

वहीं, धामी मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में साइट सिलेक्शन कमेटी का गठन किया जाएगा. लिहाजा, जिले में कोई भी नया प्रोजेक्ट आएगा तो उसके लिए साइट सिलेक्शन कमेटी जमीन को चयनित करेगी. हालांकि, इसमें सरकारी जमीन ही नहीं बल्कि, निजी जमीनों को भी एक्वायर कर प्रोजेक्ट को बनाया जा सकेगा.

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