पुरोला क्षेत्र के अकरु जंगल में बादल फटने के कारण छाड़ा खड्ड, कमल नदी, माल गाड़ सहित अन्य गदेरे अचानक उफान पर आ गए। इसके चलते खेतों, सेब के बगीचों को भारी नुकसान पहुंचा है।
वहीं नगर क्षेत्र में कई घरों पानी और मलबा घुस गया। कई लोगों ने घरों से भाग कर अपनी जान बचाई। नहरें, सड़क और पुल क्षतिग्रस्त हो गए। गाड़ियां व मोटर साइकिल बह गए। प्रदेशभर में बारिश से नुकसान हुआ है।
धनारी क्षेत्र में धनपति नदी के उफान पर आने के कारण देवीधार में मोक्ष घाट बह गया। तो वहीं बड़कोट के गंगनानी में भारी मलबा आने के कारण 19 घरों और दुकानों सहित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में घुसा। उधर, टिहरी के घनसाली में भी मलबा आने से बारिश के कारण 14 मकानों को खतरा पैदा हो गया है। थौलधार ब्लाक के चापड़ा गांव में एक आवासीय मकान ढह गया। गनीमत यह रही कि उस वक्त घर में कोई नहीं था। पीड़ित के घर का अधिकतर सामान मलबे में दब गया।
यमुनोत्री हाईवे सहित 299 सड़कें बंद
प्रदेश में यमुनोत्री हाईवे समेत 299 सड़कें बंद हैं। बदरीनाथ हाईवे पीपलकोटी, पागलनाला, छिनका, नंदप्रयाग में अवरुद्ध हुआ था, जिसे दोपहर एक बजे खोल दिया गया। हाईवे में करीब आठ घंटे तक पांच हजार से अधिक यात्री फंसे रहे। शाम छह बजे नंदप्रयाग के पास बंद हुआ था, जिसे करीब आठ बजे खोल दिया गया। केदारनाथ हाईवे पर भी कई जगह मलबा आया है, लेकिन भूस्खलन क्षेत्रों में तैनात जेसीबी ने मलबा हटाकर हाईवे खोल दिया। यमुनोत्री हाईवे कई जगह अवरुद्ध हुआ है। कुछ स्थानों में तो खोल दिया, लेकिन गंगनानी में भारी मात्रा में मलबा आने के कारण मशीनें अब तक काम कर रही है। ओजरी डाबरकोट में लगातार पत्थर गिरने के कारण हाईवे खोलने का काम भी नहीं शुरू हो पाया है।
प्रदेशभर में भारी बारिश का अलर्ट
प्रदेश भर में 23 जुलाई को भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने रविवार को पूरे प्रदेश में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। उधर एक दिन बाद यानी 24 जुलाई को कुमाऊं के सभी जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बीते 24 घंटों के आंकड़ों पर नजर डाले तो बागेश्वर में सबसे अधिक 44.1 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से 800 फीसदी अधिक है। दूसरे नंबर पर चमोली में 61.1 एमएम वर्षा हुई, जो सामान्य से 523 प्रतिशत ज्यादा है। जबकि पूरे प्रदेश भर में 41.1 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से 196 फीसदी अधिक है।