देहरादून-MDDA और प्रॉपर्टी डीलरों की मिलीभगत के चलते तहसील विकासनगर क्षेत्र में कई स्थानों पर अवैध प्लाटिंग का जाल बिछा रखा है। इससे करोड़ों के राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही है, वहीं कॉलोनियों के नाम पर क्रेताओं से खुलेआम ठगी की जा रही है। MDDA द्वारा समय-समय पर कॉलोनियों को चिन्हित करके कॉलोनाइजर को नोटिस जारी कर दिया जाता है। नोटिस जारी होने के बाद प्रॉपर्टी डीलर द्वारा MDDA के अधिकारियों से मिलीभगत कर ली जाती है। इसके बाद फिर से अधिकारी एक माह के लिए मौन हो जाते हैं। अवधि बीतने पर फिर से नोटिस जारी कर वसूली का खेल विभागीय अधिकारी करते हैं।
आपको बता दे की आज दिन सोमवार को एमडीए की टीम शिमला बायपास रोड बांसोवाला में भूमाफियाओं द्वारा अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंची और फाउंडेशन को उखाड़ना शुरू कर दिया इसके ठीक थोड़ी देर बाद MDDA की टीम को लगातार फोन आने शुरू हो गए फिर न जाने क्या सेटिंग गेटिंग का खेल शुरू हुआ जिसके चलते टीम ने अपनी कार्यवाही धीमी कर दी और एमडीडीए की टीम ध्वस्तिकरण की कार्यवाही आधे में ही छोड़कर रफू चक्कर हो गई। MDDA की टीम ने ना तो अवैध प्लाटिंग में बने सीसी रोड और ना ही आवैध रूप से बनाया गया ऑफिस और विशाल मैन गेट को छूने की जहमत उठाई एमडीडीए की टीम के कर्मचारी अधिकारी मौके से चुपचाप ऐसे निकल गए जैसे शादी में न्योता लिखाने आया हों।
ऐसे में आप ही अंदाजा लगाइए की एमडीडीए विभाग कितनी जिम्मेदारी से अपने कार्यों का निर्वहन कर रहा है यदि कोई गरीब व्यक्ति अपना रहने का छोटा सा आशियाना बनाता है तो उसको ना जाने किस किस तरह के नोटिस और कार्यवाही का सामना करना पड़ता है जिससे उसको मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है।
MDDA का आवैध प्लाटिंग पर धवस्तीकरण के नाम पर खानापूर्ति
