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क्रेशर प्लांट का काम पूरा भी नहीं हुआ खनन विभाग ने खोल दिया पोर्टल,प्लांट पर अनुमति से अधिक इकट्ठा की गई खनिज सामग्री

खनन विभाग का बड़ा खेल आया सामने, फिर से सवालों के घेरे में खनन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी की कार्य प्रणाली।

विकासनगर – यमुना नदी के किनारे ढकरानी गांव में क्रेशर जोन क्षेत्र बन गया है जो की सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी करने के लिए बहुत ही फायदेमंद है लेकिन नदियों से अवैध खनन ना हो इसलिए सरकार द्वारा राज्य में क्रेशर प्लांट लगाने के लिए कुछ नियमावली और मानक तय किए गए हैं जिसके आधार पर स्टोन क्रेशर प्लांट का संचालन किया जा सकता है बावजूद इसके एक क्रेशर प्लांट ऐसा भी है जिसका निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ है मशीनों का सेटअप भी स्थापित नहीं हो पाया है फिर भी खनन विभाग द्वारा इस क्रेशर प्लांट का पोर्टल खोल दिया गया है जिसका फायदा उठाकर उक्त क्रेशर प्लांट पर अवैध रूप से यमुना नदी से खनिज सामग्री खनन विभाग द्वारा दी गई अनुमति से अधिक इकट्ठा की गई है।

आपको बता दें कि “यमुना स्टोन क्रेशर” नाम से ढकरानी क्रेशर जोन में एक स्टोन क्रेशर प्लांट लगाया जा रहा है जिसमें मशीनों को स्थापित करने का कार्य चल रहा है और साथ ही स्टोन क्रेशर प्लांट पर अभी सरकार द्वारा निर्धारित मानक भी पूरे नहीं किए गए हैं लेकिन हैरत की बात यह है कि इस सब के बावजूद भी संबंधित विभागों ने उक्त क्रेशर प्लांट को अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया है।

और खनन विभाग ने भी मानसून सत्र को देखते हुए उक्त क्रेशर प्लांट के संचालन के लिए सभी सरकारी आदेशों और ठेंगा दिखाते हुए और मानको को दर्द किनार करते हुए यमुना क्रेशर प्लांट का पोर्टल भी खोल दिया है इसी का फायदा उठाते हुए क्रेशर प्लांट पर खनन विभाग से मिली हुई अनुमति से अधिक खनिज सामग्री अवैध रूप से सीधे यमुना नदी से लाकर चट लगा दिए गए हैं।

सूत्रों की अगर मानें तो रात के अंधेरे में ट्रैक्टर ट्रालीयों की मदद से यमुना नदी से खनिज सामग्री लाकर प्लांट पर इकट्ठा की जाती है और एडवांस में इधर-उधर से रॉयल्टी का भी जुगाड़ कर लिया गया है।

अब यहां सवाल यह उठता है कि जब उक्त क्रेशर प्लांट का कार्य अभी पूरा भी नहीं हो पाया है तो खनन विभाग ने किस आधार पर उक्त क्रेशर प्लांट का पोर्टल खोल दिया है क्या उक्त क्रेशर प्लांट के लिए सरकार द्वारा निर्धारित कोई भी नियम कानून और मानक लागू नहीं होते हैं या फिर यूं समझा जाए कि खनन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को मोटी घूस खिलाकर पोर्टल खुलवाया गया है।

जब विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की सांठ गांठ से उक्त क्रेशर प्लांट का पोर्टल खोला गया है तो प्लांट पर अनुमति से अधिक इकट्ठा की गई खनिज सामग्री और अन्य सभी मानकों की भी जांच पड़ताल आखिर करेगा कौन और उन अधिकारियों का कर्मचारियों की जांच कौन करेगा जिन्होंने सभी मानकों और नियमों को दरकिनार करते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने निजी स्वार्थ के लिए उक्त निर्माणधीन क्रेशर प्लांट का पोर्टल खोल दिया है।

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