विकासनगर क्षेत्र मैं ढकरानी और भीमावाला गांव के लोगों के लिए स्टोन क्रेशर इंडस्ट्री रोजगार का एक बड़ा साधन साबित हो रही है। सीमावर्ती क्षेत्र के करीब 1000 परिवार के लोग स्टोन क्रेशर इंडस्ट्री पर अलग-अलग प्रकार के काम कर दो वक्त की रोटी कमा रहे हैं।क्षेत्र में इंडस्ट्री स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए एक बड़ा साधन है। लोगों को रोजगार मिलने से क्षेत्र में नशे के कारोबार पर भी अंकुश लगा है।
आपको बता दें कि राजधानी देहरादून के ढकरानी में यमुना नदी के पास क्रेशर जोन से सरकार को भी अच्छा खासा राजस्व प्राप्त हो रहा है और लगातार क्रेशर प्लांट स्थापित हो रहे हैं लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व से क्रेशर प्लांट का संचालन हो रहा है लेकिन डेढ़ साल बाद अचानक कुछ तथाकथित समाज सेवक क्रेशर प्लांट से निकलने वाले वाहनों के रास्ते का विरोध करने लगे और जनहित का हवाला देते हुए माननीय उच्च न्यायालय में अपना विरोध दर्ज करा डाला जहां तक जानकारी मिली है जिस रास्ते का विरोध तथा कथित समाज सेवक कर रहे हैं वो रास्ता पिछले लगभग 50 वर्षों से यमुना नदी से खनन सामग्री ढोने वाले वाहनों के लिए ही बनाया गया था और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विरोध करने वाले कुछ लोगों के मकान खुद अवैध रूप से बने हुए हैं जिनके दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं हैं।
अब यहां सवाल यह उठता है कि पिछले लगभग 50 वर्षों से यमुना नदी से सरकार द्वारा खनन पट्टे काटकर खनन का कार्य कराया जा रहा है और अब लगभग डेढ़ वर्षो से क्रेशर प्लांट संचालित हो रहे हैं फिर इतने सालों बाद खनन सामग्री ढोने वाले वाहनों के रास्ते का विरोध का क्या मतलब और यह मुद्दा इतने सालों से क्यों नहीं उठाया गया। जो लोग खनन सामग्री ढोने वाले वाहनों के रास्ते का विरोध कर रहे हैं क्या उनकी और उनके मकानों के दस्तावेजों की भी जांच हो पाएगी। क्या जो अवैध रूप से बस्ती बसी है उस पर भी बुलडोजर की कार्रवाई की जाएगी।
स्टोन क्रेशर के मालिक चरण सिंह, जितेंद्र कुमार और अनूप सिंह ने कहा कि उनकी हमेशा यही कोशिश रहती है कि स्थानीय लोगों को रोजगार दे सकें। स्टोन क्रशर पर काम की तलाश में पहुंचने वाले स्थानीय ग्रामीणों को उनकी योग्यता के अनुसार पहल के आधार पर काम दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों के लगभग 400 से अधिक ट्रैक्टर ट्राली क्रेशर प्लांट पर कार्य कर रहे हैं और बताया कि स्थानीय लोगों को रोजगार देना हो या फिर किसी मजबूरी में उनकी मदद करना स्टोन क्रशर इंडस्ट्री हरसंभव सहायता करती है। इसको लेकर आगे भी कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।