देहरादून। चुनावी साल में सरकार प्रदेश में पदोन्नति की दोहरी व्यवस्था का लाभ ले चुके हजारों कर्मचारियों को सरकार ने आखिरकार राहत दे दी। 19 नवंबर, 2020 को शासनादेश जारी होने से पहले के ऐसे मामलों का संज्ञान नहीं लिया जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद मिनिस्टीरियल संवर्ग, आशुलिपिक संवर्ग और वाहन चालक संवर्ग के करीब 40 हजार कर्मचारियों के वेतन से वसूली नहीं की जाएगी।
दोहरा लाभ लेने पर वसूली की तलवार लटकने से कर्मचारी खफा थे। कर्मचारी संगठन लगातार वसूली को स्थगित करने का दबाव सरकार पर बनाए हुए थे। संगठनों का तर्क रहा कि उक्त मामले में कर्मचारियों का कोई दोष नहीं है।
सरकार की ओर से लागू व्यवस्था के चलते हुए यह स्थिति उत्पन्न हुई। लिहाजा वसूली के आदेश पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। सरकार ने कर्मचारियों के यह मुराद पूरी कर दी। वित्त अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों व प्रभारी सचिवों को आदेश जारी किए। इसमें बीती 19 नवंबर को जारी आदेश को संशोधित किया गया है।
दरअसल प्रदेश में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए वर्तमान में पदोन्नति की दो व्यवस्थाएं लागू हैं। इनमें एक व्यवस्था संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन योजना (एमएसीपी) है। इसमें सीधी भर्ती के नियमित पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 10, 20 और 30 वर्ष की नियमित व संतोषजनक सेवा पूरी करने तीन वित्तीय पदोन्नति का प्रविधान है। 17 फरवरी, 2017 के शासनादेश के मुताबिक एमएसीपी को तीन वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी) योजना की जगह लागू किया गया है।
इसी तरह दूसरी व्यवस्था स्टाफिंग पैटर्न में कार्मिकों को पदोन्नति की चरणबद्ध व्यवस्था की गई है। जिन संवर्गों में स्टाफिंग पैटर्न की व्यवस्था लागू है, वहां समयबद्ध आधार पर प्रोन्नति अथवा एसीपी या एमएसीपी की व्यवस्था लागू नहीं होगी। शासन को पता चला कि आदेशों का उल्लंघन कर विभिन्न संवर्गों में उक्त व्यवस्थाओं का दोहरा लाभ मुहैया कराया जा रहा है। बीते नवंबर माह में शासन ने आदेश जारी कर ऐसे प्रकरणों में संबंधित कर्मचारियों का वेतन और पेंशन को दोबारा निर्धारित करने के निर्देश दिए थे। साथ ही अधिक भुगतान की गई धनराशि को आगामी महीनों में वेतन या पेंशन से वसूली करने को कहा गया था। अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने आदेश में कहा कि नवंबर में जारी शासनादेश की तिथि से पहले स्वीकृत ऐसे प्रकरणों को पुनरोद्घाटित नहीं किया जाएगा।