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विकासनगर प्रतिबंधित क्षेत्र यमुना नदी से हो रहा अवैध खनन, पुल नंबर एक कभी भी हो सकता है धराशाही

जलविधुत निगम ,जिला प्रशासन और खनन विभाग ने मूंदी आँखें 

डाकपत्थर बैराज पुल कभी भी हो सकता है भारी वाहनों के चलने से ध्वस्त

देहरादून  : 
विकासनगर और डाकपत्थर इलाके में यमुना और सहायक नदियों पर मिलीभगत से जमकर खनन किया जा रहा है। यहाँ तक कि बैराज इलाके के जिन पुलों को जलविद्युत निगम द्वारा भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित किया गया है इन पुलों के ऊपर से जमकर भारी वाहनों का आरपार आना-जाना बदस्तूर जारी है।भारी वाहनों की आवाजाही से पुल नंबर एक और पुल नंबर दो कभी भी जमीदोज हो सकते हैं। इतना ही नहीं रात के अँधेरे में तो अवैध खनन की रफ़्तार दोगुनी हो जाती है।

गौरतलब हो कि यमुना नदी में नो घाट में एक 32 से 35 बीघा का खनन पट्टा आवंटित हुआ था जिसकी आड़ में पूरी यमुना नदी में अवैध खनन का कार्य हो रहा है पुल नंबर एक से लगातार मोर्चरी से नीचे यमुना नदी में जहां कोई खनन पट्टा आवंटित ही नहीं है वहां से जमकर अवैध खनन कर भारी वाहन आबादी क्षेत्र से दौड़ते हुए गुजरते रहते हैं जिनसे आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है उक्त अवैध खनन से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलीयो में 14 ,15 टन खनिज सामग्री भरी होती है और उनके पास ना तो कोई बिल होता है और ना ही किसी प्रकार का रवन्ना।

जो यमुना नदी से अवैध खनन कर खनिज सामग्री लाई जाती है उसको यूजीवीएनएल की भूमि नहर किनारे अवैध रूप से स्टॉक कर दिया जाता है उसके बाद रात्रि में उस अवैध खनिज सामग्री को डंपरों में भरकर गंतव्य तक पहुंचा दिया जाता है। शक्ति नहर किनारे खनन माफियाओं ने यूजीवीएनएल की भूमि पर अपने अपने अवैध स्टॉक बनाए हुए हैं जिन पर कभी कार्यवाही भी नहीं होती है।

पूर्व में भी माननीय विधायक जी के द्वारा अवैध खनन से भरे ट्रैक्टर ट्राली को मोर्चरी के पास पकड़ा गया था कुछ दिन अवैध खनन का कार्य शांत रहा फिर उसके बाद बदस्तूर अवैध खनन का खेल जारी हो गया उक्त सभी वाहन यमुनानदी और सीमा पार हिमाचल प्रदेश में लगे स्टोन करेशरों से खनिज सामग्री अवैध रूप से लाते हैं बावजूद इसके उन आवेध खनिज सामग्री से भरे वाहनों को ना कहीं रोका जाता है और ना उनकी कहीं जांच की जाती है। गौरतलब हो कि पछवादून में अवैध खनन का काला कारोबार 12 महीने चलता रहता है। अवैध खनन भी होता रहता है और प्रशासन की कार्रवाई भी।

इतना ही नहीं इस अवैध और अनियंत्रित खनन ने पछवादून में सदानीरा नदियों से बरसाती खालों में अपना प्राकृतिक बहाव बदल कर बस्तियों व कृषि भूमि की तरफ कर दिया है, जिससे यहां बरसात में हर बार नुकसान झेलना पड़ता रहा है।

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