विकासनगर: जहां एक और प्रशासन अवैध खनन के खिलाफ सख्त नजर आ रहा है और अवैध खनन करने वालों के विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई करता नजर आ रहा है वहीं दूसरी ओर गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा आवंटित खनन पट्टे का संचालन मानकों को ताक पर रखकर ,सभी नियमों की धज्जियां उड़ा कर किया जा रहा है और सरकार को रोजाना राजस्व में लाखों रुपए की चपत लगाई जा रही है जिस पर प्रशासन का ध्यान जा ही नहीं रहा है बल्कि प्रशासन नतमस्तक नजर आ रहा है।
आपको बता दें कि विकासनगर तहसील के सहसपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खुशहालपुर क्षेत्र से लगती आसन नदी में एक गढ़वाल मंडल विकास निगम का खनन पट्टा आवंटित है उक्त खनन पट्टे पर मानको की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं खनन पट्टे की निर्धारित सीमाओ पर ना तो कोई खंबे खड़े किए गए हैं जैसा कि नियम है कि खनन पट्टे का सीमांकन होने के बाद नदी में निर्धारित सीमांकन पर खंबे गाड कर खंबो पर लाल निशान लगाए जाने के बाद ही पट्टे से खनन कार्य किया जा सकता है। उक्त खनन पट्टे से ट्रैक्टर ट्रॉलीयो में उपखनिज सामग्री को ओवरलोड भरकर बिना तोल कांटा और बिना रवाना काटे पास में ही लगे स्क्रीनिंग प्लांटों पर ले जाया जा रहा है जैसा कि नियम अनुसार कोई भी वाहन पट्टे से खनन सामग्री भरकर पहले तोल कांटे पर पर्ची और रवन्ना कटवा कर ही अपने गंतव्य के लिए जा सकता है।
जब देखा गया कि खनन पट्टे पर किसी भी प्रकार का कोई तोल कांटा ही नहीं लगाया गया है जो तोल कांटा वहां काम कर रहे मुंशीयो के द्वारा बताया गया वह भी पट्टे से लगभग 300 मीटर दूरी पर एक हॉट मिक्स प्लांट का था जिस पर ना तो कोई किसी प्रकार का सीसीटीवी कैमरा था जबकि नियम अनुसार तोल कांटा पट्टे पर ही लगवाया जाना होता है और उस पर सीसीटीवी कैमरा भी इस प्रकार से लगाया जाना होता है जिससे कि वाहनों में भरी खनन सामग्री और वाहन संख्या भी दिखाई दी जाए।
आपको बता दें कि खनन पट्टों से खनन का कार्य सूर्य उदय से सूर्य अस्त तक ही किया जा सकता है आसपास के लोगों के द्वारा बताया गया कि उक्त खनन पट्टे से दिन-रात खनन का कार्य किया जा रहा है एक रबन्ने पर 10-10 चक्कर लगाए जाते हैं यहां तक कि रात में तो आसन नदी में उक्त खनन पट्टे पर 2-2 जेसीबी मशीनें लगाकर बेतरतीब तरीके से खुदान कर हां वेद खनन किया जाता है।
जिस हिसाब से उक्त खनन पट्टे से पट्टा संचालक के द्वारा पट्टे की आड़ में अवैध खनन का खेल किया जा रहा है इससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि पहुंच रही है इस पूरे खेल पर संबंधित विभाग और पूरा प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है क्या ऐसा संभव है कि इतना बड़ा अवैध खनन का खेल खनन पट्टे की आड़ में चल रहा है और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं या यूं समझ ले कि मिलीभगत कर उक्त कुकृत्य को अंजाम दिया जा रहा है।