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The Woods Retreat जयहरीखाल में श्रमिकों का शोषण! 12-14 घंटे ड्यूटी, ओवरटाइम और अवकाश से वंचित कर्मचारी

The Woods Retreat जयहरीखाल में श्रमिकों का शोषण! 12-14 घंटे ड्यूटी, ओवरटाइम और अवकाश से वंचित कर्मचारी

The Woods Retreat पर गंभीर आरोप — ओवरटाइम न देने और अवकाश रोकने की शिकायतें

स्थानीय युवाओं का दर्द: The Woods Retreat में ‘रोज़गार के नाम पर शोषण’

जयहरीखाल (पौड़ी गढ़वाल):
लैंसडाउन क्षेत्र का नामी रिज़ॉर्ट The Woods Retreat एक बार फिर सुर्खियों में है — इस बार कारण हैं गंभीर श्रम कानून उल्लंघन के आरोप। स्थानीय सूत्रों और कर्मचारियों के अनुसार, रिज़ॉर्ट में श्रमिकों से रोज़ाना 12 से 14 घंटे तक काम कराया जाता है, लेकिन ओवरटाइम का कोई भुगतान नहीं किया जाता। सप्ताहिक अवकाश की भी सुविधा नहीं दी जा रही, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराज़गी है।

कर्मचारियों ने बताया कि यदि कोई अपनी समस्याएं प्रबंधन के सामने रखता है, तो उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। यह स्थिति खासकर स्थानीय युवाओं के लिए चिंता का विषय बन गई है, जो रोजगार की आस में रिज़ॉर्ट में काम कर रहे हैं।

कानूनी प्रावधानों के अनुसार, Factories Act, 1948 और Shops and Establishments Act की धाराओं के तहत किसी भी कर्मचारी से प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक कार्य नहीं कराया जा सकता। इसके अतिरिक्त समय के लिए ओवरटाइम भुगतान अनिवार्य है, परंतु The Woods Retreat में इन नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह रिज़ॉर्ट बाहरी प्रबंधन के अधीन है, जो पहाड़ी युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर कम वेतन पर अधिक काम करा रहा है। ग्रामीणों ने इसे “रोजगार के नाम पर शोषण” बताते हुए श्रम विभाग और जिला प्रशासन से तुरंत जांच की मांग की है। उद्योग नीति के खिलाप यह रिजॉर्ड कर्मचारियों को वेतन देता हैं इस की भी जांच जरुरी हैं और उद्योग नीति के अनुरूप वर्किंग टाइम नहीं लेता..

लोगों ने यह भी सवाल उठाया है कि तीन साल से संचालित इस रिज़ॉर्ट में अब तक श्रम विभाग द्वारा कोई औपचारिक निरीक्षण क्यों नहीं किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द जांच और कार्रवाई नहीं हुई, तो वे श्रम विभाग के कार्यालय के बाहर धरना देने को मजबूर होंगे।

“हम रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं, गुलामी के लिए नहीं,” — यही नाराज़ पहाड़ी युवाओं की आवाज़ अब जयहरीखाल की घाटियों में गूंज रही है।

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