आसन नदी में छोड़ रहे हैं प्लांट से निकला जहरीली वेस्टेज
आसन नदी से चोरी कर रहे पत्थर बजरी
सरकार द्वारा निर्धारित सभी मानकों की उड़ा रहे धज्जियां
विकासनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गत आसन नदी के किनारे कुछ हॉट मिक्स प्लांट पहुंचा रहे पर्यावरण को नुकसान आसन नदी के पानी को कर रहे दुषित।आसन नदी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में प्रदूषण एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दा रहा है।

आपको बता दें कि प्राप्त जानकारी के अनुसार सेलाकुई आसन नदी के किनारे वी के अग्रवाल नाम से एक हॉट मिक्स प्लांट का संचालन बिना किसी विभागीय अनुमति के किया जा रहा है उक्त प्लांट सभी मानक नियम और मापदंडों को दर किनार करते हुए संचालित किया जा रहा है जिसमें निर्धारित मानक के हिसाब से नदी से 300 मीटर की दूरी होनी चाहिए और आबादी से लगभग 500 मीटर की दूरी होनी चाहिए जबकि उक्त प्लांट आसन नदी के ठीक किनारे ही संचालित किया जा रहा है,आबादी भी मात्र 50 मीटर पर ही है।

और उक्त हॉट मिक्स प्लांट से निकलने वाली वेस्टेज को पाइप लगाकर आसन नदी में ही छोड़ जा रहा है जिससे नदी के जल को प्रदूषित करने का काम किया जा रहा है। आसन नदी का पानी खेती और घरेलू पशुओं के पीने के इस्तेमाल में लाया जाता है जो उक्त प्लांट से छोड़े जाने वाली वेस्टेज से नदी के पानी में जहर घोला जा रहा है जिससे नदी किनारे चलने वाले घरेलू पशु जहर घुले नदी के पानी को पीने से गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं और आसन नदी से लगती हुई खेती की फसल भी प्रभावित हो रही है। यहां तक की आसपास रह रही आबादी भी कयी गंभीर बीमारियों की शिकार बताई जा रही है।

दूसरा सूत्रों के माध्यम से बताया गया है कि उक्त प्लांट पर आसन नदी से अवैध रूप से बड़ी मात्रा में उप खनिज पत्थर निकाला जा रहा है जिसको मजदूर लगाकर तोड़कर भंडारण कर बेचा जा रहा है और साथ ही उक्त हाट मिक्स प्लांट पर उप खनिज सामग्री रेत बजरी का एक विशाल भंडारण किया गया है जबकि इसके लिए भंडारण की अनुमति भी खनन विभाग से नहीं ली गई है।

ऐसे ही और भी कुछ अवैध हॉट मिक्स प्लांट विकास नगर तहसील क्षेत्र में संचालित किये जा रहे हैं जिसमें सूत्रों के माध्यम से बताया गया है कि शेखोंवाला और जस्सो वाला में आसननदी के किनारे भी एक प्लांट संचालित हैं।
हॉट मिक्स प्लांटों का संचालन विभिन्न पर्यावरण नियमों के तहत किया जाता है, जिनमें वायु (रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1981, और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 शामिल हैं। इन प्लांटों को संचालित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण उपायों (जैसे वेट स्क्रबर, बैग फिल्टर) और निर्धारित मानदंडों का पालन करना आवश्यक है, जिसमें स्थान (siting) संबंधी मानदंड भी शामिल हैं।
हॉट मिक्स प्लांट संचालन के लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ,उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और खनन सामग्री के भंडारण के लिए खनन विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है जो उक्त प्लाट संचालक जरूरी नहीं समझते।

