उत्तरकाशी के डामटा में यमुनोत्री नेशनल हाईवे-123 पर हुए सड़क हादसे का केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। विभागीय मंत्री नितिन गडकरी ने हादसे के कारणों को जानने और सेफ्टी ऑडिट के लिए सेव लाइफ फाउंडेशन की तीन सदस्यीय टीम को मौके पर भेजा है।
शासन में प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने टीम के उत्तरकाशी पहुंचने की पुष्टि की है।
बीते रविवार को यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर डामटा रिखाऊं खड्ड के पास हुए दर्दनाक हादसे में मध्यप्रदेश के यात्रियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई थी। हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि चार लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे। हादसा नेशनल हाईवे पर हुआ था, इसलिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसकी जांच के लिए सेव लाइफ फाउंडेशन की तीन सदस्यीय टीम को मौके पर भेजा है।
टीम मंगलवार को उत्तरकाशी पहुंच गई थी। इस संबंध में मंत्रालय की ओर से राज्य के मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु को एक पत्र भेजकर टीम को जरूरी संसाधन उपलब्ध कराते हुए सहयोग करने का कहा गया था। प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने टीम के पहुंचने की पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि तीन सदस्यीय टीम मौके पर पहुंचकर सेफ्टी ऑडिट से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर राज्य और केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को सौंपेगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए जरूरी उपाय किए जा सकेंगे।
बताते चलें कि सेव लाइफ फाउंडेशन एक स्वतंत्र और गैर लाभकारी संगठन है, जो भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में सड़क सुरक्षा और आपतकालीन चिकित्सा जैसे मामलों में सुधार के लिए अपनी सेवाएं देता है।
बस हादसे की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू
यमुनोत्री हाईवे पर डामटा के पास हुए बस दुर्घटना की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू हो गई है। मंगलवार को जांच के पहले दिन घटना से जुड़े चार लोगों के बयान दर्ज किए गए। बीते रविवार को मध्य प्रदेश के यात्रियों से भरी एक बस यमुनोत्री हाईवे पर डामटा के पास रिखाऊं खड्ड के पास खाई में जा गिर गई थी। हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि चार लोग घायल हो गए थे। हादसे में मारे गए सभी लोग मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के रहने वाले थे।
वहीं हादसे का कारण स्टेयरिंग लॉक होना बताया गया था। घटना के अगले दिन उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था। वहीं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए थे, जिस पर डीएम अभिषेक रूहेला ने बड़कोट एसडीएम शालिनी नेगी को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए शीघ्र मजिस्ट्रीयल जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को दुर्घटना की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू कर दी गई। एसडीएम शालिनी नेगी ने बताया कि पालीगाड में घटना से जुड़े चार लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं।