– 14 से 26 जुलाई तक कांवड़ यात्रा
– सीसीटीवी कैमरे की नजर में रहेगा कावड़ मेला
देहरादून, 27 जून पुलिस प्रशासन ने कांवड़ यात्रा में इस वर्ष चार करोड़ कावड़ियों के आने की उम्मीद जताई है। यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन 10 हजार पुलिस जवानों की तैनाती करेगी, ताकि यात्रा सकुशल संपन्न हो सके। कांवड़ मेला सीसीटीवी की निगरानी में होगा। पिछले दो साल से कोरोना के चलते कांवड़ यात्रा बाधित थी।
सोमवार सुबह सुभाष रोड स्थित पुलिस मुख्यालय सभागार में उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार की अध्यक्षता में अंतरराज्यीय समन्वय के लिए बैठक आयोजित की गई। बैठक में उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष एवं ऑनलाइन प्रतिभाग किया। पुलिस उप महानिरीक्षक अभिसूचना निवेदिता कुकरेती ने बैठक का संचालन किया।
बैठक में डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि 14 से 26 जुलाई तक कांवड़ यात्रा है। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित थी। इस बार बड़ी संख्या में शिवभक्तों के आने की संभावना है। कांवड़ यात्री हरिद्वार आएं और शांतिपूर्वक जल लेकर अपनी यात्रा की ओर रवाना हों, इस दिशा में पुलिस प्रशासन मुस्तैदी के साथ काम करेगा।
उन्होंने कहा कि बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, पंजाब, राजस्थान व अन्य राज्यों की एजेंसियों के पारस्परिक सहयोग से कांवड़ यात्रा को सकुशल व शांतिपूर्वक सम्पन्न कराना है। उन्होंने अधिकारियों से अभी से कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस प्रबंध किये जाने की तैयारियों में लगने को कहा।
डीजीपी ने कहा कि सीमावर्ती प्रदेशों से अपेक्षा की जाती है कि कांवड़ यात्रा के मार्गों का अपने-अपने जनपदों में व्यापक प्रचार-प्रसार करें। साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान चारधाम, मसूरी एवं देहरादून आने वाले यात्रियों को लिए हरिद्वार से हटकर तैयार किए गए अलग रूट का भी प्रचार-प्रसार किया जाए। घटनाओं एवं तत्काल सूचनाओं के आदान-प्रदान करने के लिए सीमावर्ती जनपदों के जनपद, सर्किल, थाना एवं चौकी स्तर पर संयुक्त व्हाट्सएप ग्रुप बना लिए जाएं।
बैठक में पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र सिंह रावत ने कांवड़ मेले के दौरान की जानी वाली पुलिस व्यवस्थाओं, यातायात प्रबन्धन, भीड़ नियंत्रण, यात्रा रूट पर किये जाने वाले प्रबंध, लाठी-डंडे, नुकीले भाले व अन्य हथियार लेकर चलने वाले कांवड़ियों पर प्रतिबन्ध, कावड़ यात्रा के दौरान विगत वर्षाें में होने वाली दुर्घटनाओं व पार्किंग आदि के बारे में प्रस्तुतिकरण करने को कहा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष कांवड़ियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इस वर्ष लगभग 4 करोड़ कांवड़ियों के आने की संभावना है।
उन्होंने कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अधिकारियों का व्हाट्सअप ग्रुप बनाने, अन्तरराज्यीय बैरियरों पर संयुक्त पुलिस चेकिंग करने, कांवड़ियों के उद्गम स्थल पर ही डीजे, लाठी-डंडे नियंत्रित करने, सोशल मीडिया पर भेजे जाने वाले संदेशों की निगरानी रखने आदि के सम्बन्ध में सभी अधिकारियों से सहयोग की अपील की।
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था, मेरठ जोन) राजीव सभरवाल ने भीड़ और यातायात प्रबन्धन पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के बाद उत्तर भारत में नए इंफ्रास्ट्रक्चर के अन्तर्गत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण हुआ है। इससे भीड़ एवं यातायात प्रबन्धन में भी बदलाव आएगा। उत्तरप्रदेश-उत्तराखण्ड के सीमावर्ती प्रवेश बिन्दुओं पर सीसीटीवी की व्यवस्था की जा रही है, जिसकी फीड हरिद्वार स्थित कन्ट्रोल रूम से भी शेयर की जाएगी। शरारती तत्वों एवं अनावश्यक रूप से उपद्रव करने वाले कारकों को रोकने में एक-दूसरे का पूरा सहयोग किया जाएगा और संयुक्त अभिसूचना तंत्र विकसित कर लाभप्रद सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।
बैठक में ऑनलाइन प्रतिभाग कर रहे अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तरप्रदेश) प्रशांत कुमार ने पारस्परिक समन्वय के लिए सीमावर्ती जनपदों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाये जाने पर जोर दिया।
उत्तरप्रदेश एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने पूर्व में हुई आतंकवादी घटनाओं का उदाहरण देते हुए कांवड़ यात्रा के दौरान सतर्क रहने का सुझाव दिया।
हरियाणा सीआईडी के अपर पुलिस महानिदेशक आलोक मित्तल ने कांवड़ यात्रा संचालन के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि यह प्रयास किया जाएगा कि कांवड़ के लिए आने वाले अपने थानों में सूचना देकर आएं।
अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था पंजाब) ईश्वर सिंह ने नियमित सहयोग और समन्वय पर जोर दिया। साथ ही अमरनाथ यात्रा के लिए सहयोग मांगा। उन्होंने आतंकी हमलों में हो रहे ड्रोन के इस्तेमाल के प्रति सतर्क रहने पर जोर दिया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (नॉर्थन रेंज दिल्ली) विवेक किशोर ने सीमावर्ती प्रवेश बिन्दुओं पर संयुक्त तैनाती के लिए आग्रह किया। साथ ही ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए यूनिफार्म योजना बनाए जाने का सुझाव दिया।
महानिरीक्षक/प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, आरपीएफ उत्तर रेलवे एएन मिश्रा ने सुरक्षा इनपुट पर कार्य करने और रेलवे का सुरक्षा स्टेटस बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी छोटे और बड़े रेलवे स्टेशनों को सीसीटीवी से कवर किया जाएगा। साथ ही आरपीएफ और जीआरपी द्वारा संयुक्त पेट्रोलिंग की जाएगी।
12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टर में विभाजित
इस वर्ष सम्पूर्ण कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टर में विभाजित किया गया है, जिसमें लगभग 9-10 हजार कर्मी पुलिस व्यवस्था में लगेंगे। सुरक्षा व्यवस्था के लिए ड्रोन, सीसीटीवी का इस्तेमाल और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को बढ़ाया जाएगा। साथ ही शिवभक्तों से सोशल मीडिया के माध्यम से कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने में पुलिस प्रशासन का सहयोग करने के लिए अपील की जाएगी।
इन बिन्दुओं पर भी हुआ विचार विमर्श
1. हरिद्वार से दिल्ली, मेरठ वापस जाने के लिए कांवड़ियों को हाईवे के बाएं ओर को उपयोग करने का निर्णय लिया गया। साथ ही इस दौरान लगने वाले शिविर एवं भण्डारे हाईवे के बाएं ओर ही मुख्य मार्ग से 15 फीट दूर लगाने के लिए अनुमित दी जाएगी।
2. कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को अपना परिचय पत्र साथ रखने, सात फीट से ऊंची कांवड़ न बनाये जाने, रेल की छतों पर यात्रा ना करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही शराब एवं मादक पदार्थों के सेवन न करने के सम्बन्ध में कांवड़ियों को जागरुक किया जाए।
3. यह प्रयास किया जाए कि कांवड़िये जिस स्थान से आ रहे हैं वहां के सम्बन्धित थाने में यात्रा के लिए जाने वाले कुल कांवड़ियों की संख्या, गाड़ी नम्बर, मोबाइल नम्बर व ग्रुप-लीडर का नाम व मोबाइल नम्बर की सूचना दें, जिससे उनपर नजर रखी जा सके।
4. डीजे एवं शिविरों पर बजने वाले गानों की मॉनिटरिंग की जाए। कांवड़ियों से अपील की जाए कि कोई ऐसा गीत न बजाएं जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों।
5. अन्तरराज्यीय बैरियरों, चेक पोस्ट, चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चेक पोस्ट, लखनौता चेक पोस्ट, काली नदी बैरियर एवं गोवर्धन चेक पोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चेकिंग।
6. बेहतर समन्वय हेतु कांवड़ यात्रा के लिए नियुक्त उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल के नोडल अधिकारी हरिद्वार स्थित कन्ट्रोल रूम में बैठेंगे।
7. सम्पूर्ण कांवड़ यात्रा मार्ग पर मेडिकल कैम्प और एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।