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एसटीएफ ने किया बड़ा खुलासा सोने की ईट के नाम पर ठगे थे 26 लाख रुपए

देहरादून: इंटरनेट मीडिया के जरिये दोस्ती कर भोले-भाले लोगों झांसे में लेकर ठगने वाले का गिरोह का उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने गिरोह के मास्टरमाइंड को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।आरोपित ने दून के एक व्यक्ति को विदेश से सोने की ईंट भेजने का झांसा देकर 26 लाख रुपये ठग लिए थे। करीब डेढ़ साल से एसटीएफ आरोपित की तलाश कर रही थी। आरोपित के पास से कई वोटर आइडी, चेकबुक और कई मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि अक्टूबर 2020 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को ठगी की सूचना प्राप्त हुई थी। जिसमें मोथरोवाला निवासी वर्षा शर्मा पति के साथ 26 लाख रुपये की ठगी होने का आरोप लगाया था। कहा कि अज्ञात व्यक्ति ने उनके पति के साथ व्हाट्सप चैट के जरिये दोस्ती की। कई दिन तक बात करने के बाद आरोपित ने विदेश से पैसा व सोने की ईंट भेजने की बात कही। कस्टम समेत अन्य टैक्स के नाम पर आरोपित ने आनलाइन पेमेंट एप से विभिन्न ट्रांजेक्शन में कुल 26 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद न तो सोने की ईंट मिली और न ही आरोपित से संपर्क हो पाया। प्रकरण की गंभीरता को देख साइबर थाने से निरीक्षक पंकज पोखरियाल के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम ने घटना में प्रयुक्त फोन नंबर, ई-वालेट और बैंक खातों की पड़ताल की। जिसमें पता चला कि एक संगठित गिरोह इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों से संपर्क कर उन्हें झांसे में लेकर ठगी करते हैं। जिस पर आरोपितों की तलाश शुरू की गई। मंगलवार को एसटीएफ को गिरोह के सरगना सोनू निषाद के दिल्ली में होने की जानकारी मिली। जिस पर टीम ने मुख्य आरोपित को दिल्ली के सभापुर एक्सटेंशन गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपित ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों में भी साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। एसटीएफ अपराध में सोनू का साथ देने वाले अन्य आरोपितों की भी जानकारी जुटा रही है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, व्हाट्सएप व अन्य माध्यमों से विदेशी नागरिक बनकर दोस्ती की जाती है। फर्जी मोबाइल नंबर, फर्जी दस्तावेज पहचान पत्र बनाकर बैंकों में खाते खोले जाते हैं।

नागरिकों को लाखों रुपये की विदेशी करेंसी व सोना भेजने, बंद पड़ी बीमा पालिसी के रिन्यु कराने के नाम पर रकम ठग ली जाती है। फिर धनराशि को एक खाते से दूसरे खाते में डालकर नकदी निकाल ली जाती है।आरोपित के पास से बरामद हुआ सामान छह मोबाइल फोन, 12 वोटर आइडी कार्ड, 10 आधार कार्ड, सात पैन कार्ड, 18 डेबिट कार्ड, पासपोर्ट और 11 पासबुक व चेकबुक।

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