देहरादून: न्यू रोड स्थित फर्जी अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर ए टू जेड साल्यूशन का पर्दाफाश होने के बाद अब इसमें कुछ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता भी सामने आ रही है।
आरोप है कि काल सेंटर संचालकों को इन पुलिसकर्मियों का संरक्षण प्राप्त था।
यहां तक कि जिस दिन काल सेंटर में स्पेशल टास्क फोर्स ने दबिश दी, उसकी काल सेंटर संचालकों को पहले ही भनक लग गई थी। जिसके चलते वह कुछ नकदी लेकर पहले ही फरार हो गए। मामला पुलिस महानिदेशक के संज्ञान में आने के बाद जब जांच शुरू हो गई है। साक्ष्य मिले तो उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई तय है।
मामले में कुछ आरोपित चल रहे थे फरार
सूत्रों की मानें तो पहले काल सेंटर आइटी पार्क क्षेत्र में संचालित हो रहा था। जून 2021 में काल सेंटर में एसटीएफ ने दबिश दी थी और कुछ आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में कुछ आरोपित फरार भी चल रहे थे। मामले की विवेचना राजपुर थाना पुलिस के पास थी।
मामला थोड़ा शांत होने पर आरोपितों ने एक दारोगा की शह पर दोबारा काल सेंटर शुरू कर दिया। दारोगा का ट्रांसफर होते ही आरोपितों ने पाश एरिया न्यू रोड पर काम शुरू कर दिया। इसके बाद दारोगा ने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ साठगांठ की और मिलकर काल सेंटर को शह देनी शुरू कर दी।
पुलिस सूत्रों की मानें तो जिस दिन एसटीएफ ने काल सेंटर में दबिश दी, इसकी भनक सेंटर संचालकों को पहले ही लग गई थी। सेंटर व आरोपितों के घरों में करोड़ों रुपये पड़े थे, जिसमें आधे रुपये लेकर आरोपित गर्भित, नितिन गुप्ता व उदित गर्ग फरार हो गए। पुलिस ने काल सेंटर से एक करोड़ 26 लाख रुपये बरामद किए हैं।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि मामले में कुछ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आ रही है। यदि पुलिसकर्मियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य मिलते हैं तो उन्हें किसी भी कीमत पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जा रही है।
लग्जरी जिंदगी जी रही थी मेघा
गिरोह की मुख्य आरोपित मेघा रावत धोखाधड़ी से अर्जित किए गए रुपयों से लग्जरी जिंदगी जी रही थी। उन्होंने घर पर दो डागी रखे हुए हैं, जिनकी देखरेख करने के लिए एक नौकरानी को रखा था। इसके अलावा घर पर महंगे जूते, कपड़े व घड़ियां रखी हुई थीं।
डीजीपी ने की 25 हजार रुपये नकद पुरस्कार की घोषणा
फर्जी काल सेंटर का पर्दाफाश करने पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने एसटीएफ की टीम को 25 हजार रुपये नकद पुरस्कार की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ की ओर से फर्जी काल सेंटर पर की गई करवाई में विशिष्ट कार्य करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को मेडल देने पर भी विचार किया जाएगा। डीजीपी ने विशेष रूप से ऐसे युवाओं से अपील की है कि यदि वह काल सेंटर में नौकरी करते हैं और बाद में उन्हें अगर काल सेंटर में कुछ भी गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा होने की आशंका हो तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस मुख्यालय के मोबाइल नंबर 9411112780 पर दें। ताकि ऐसे गलत कार्यों पर नकेल कसी जा सके।