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खनन माफियाओं के रक्षक बने दो पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज,एसएसपी ने किया सस्पेंड

विकासनगर पछवादून क्षेत्र में इन दिनों अवैध खनन करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह अवैध खनन के आड़े आने वालों के खिलाफ किसी भी हद तक कुछ भी कर सकते हैं और जब सैंया भए कोतवाल तो फिर डर काहे का ऐसा ही एक मामला थाना कालसी क्षेत्र से सामने आया है आरोप है कि शुक्रवार को देर रात दो मीडिया कर्मी कालसी में हो रहे अवैध खनन की वीडियो बना रहे थे जिसमें दो पुलिसकर्मी भी वहां खड़े अवैध खनन से भरे ट्रैक्टर ट्रॉलीयों को निकलवा रहे थे जोकि वीडियो में कैद हो गए जब मीडिया कर्मियों द्वारा उनसे पूछा गया कि सरकार ने यह वर्दी आपको अवैध कार्य करने वालों का समर्थन करने के लिए दी है या अवैध कार्यों को रोकने के लिए इस पर वहां मौजूद दो पुलिस के सिपाही महेंद्र सिंह और उमेश गिरी झुनजला गए और तुरंत मोबाइल से फोन कर खनन माफियाओं को इकट्ठा कर लिया और मीडिया कर्मियों को घेर कर धक्का-मुक्की गाली गलौज करते हुए जबरन उनके मोबाइल छीन कर उनके मोबाइल से सारी वीडियो खुद इन पुलिसकर्मियों के द्वारा डिलीट की गई और वहां पर इकट्ठा हुए खनन माफियाओं ने जान से मारने की धमकी देते हुए इन मीडिया कर्मियों को वहां से भगा दिया जिसकी शिकायत मीडिया कर्मियों के द्वारा एसएसपी देहरादून से की गई एसएसपी द्वारा शिकायत का संज्ञान लेते हुए तुरंत कालसी थाने में तैनात पुलिसकर्मी उमेश गिरी और महेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया।

वहीं दूसरी ओर सवाल यह उठता है कि कालसी थाने में इतने बड़े स्तर पर अवैध खनन का खेल चल रहा है वह भी पुलिस प्रशासन की मदद से क्या इस अवैध खनन के खेल में सिर्फ वह दो पुलिसकर्मी ही शामिल थे या यह भी हो सकता है कि पूरा पुलिस थाना ही अवैध खनन के खेल में संलिप्त हों इस बात की भी जांच होनी चाहिए। यदि पुलिसकर्मी ही खुद खनन माफियाओं को सुरक्षा देकर अवैध खनन करवाने लगेंगे तो खनन माफियाओं के हौसले तो बुलंद होंगे ही अब देखना यह होगा कि जैसा कि वर्तमान पुलिस कप्तान देहरादून गलत और अवैध कार्यों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करते और गलत कर रहे लोगों पर तुरंत कार्रवाई करते हैं अब इस मामले में किस तरह की जांच का आदेश कप्तान साहब के द्वारा दिया जाएगा या फिर उक्त दो पुलिसकर्मियों के सस्पेंड पर इतिश्री कर ली जाएगी।

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