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सरकार 2015 दरोगा भर्ती घोटाले की सीबीआई से कराए जांच: प्रीतम सिंह चौहान

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार सामने आ रहे भर्ती घोटालों को लेकर कांग्रेस सरकार को चारों ओर से घेरने की कोशिशों में लगी है. गढ़वाल से कुमाऊं तक कांग्रेस के दिग्गज नेता जोशीमठ, पेपर लीक मामले को लेकर हो-हल्ला किए हुए हैं. एक ओर कुमाऊं में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मोर्चा संभाला हुआ है तो वहीं देहरादून में पूर्व सीएम हरीश रावत उपवास पर बैठे हैं. इसी कड़ी में पूर्व नेता प्रतिपक्ष व चकराता से कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने दारोगा भर्ती के समय कांग्रेस की सरकार होने के सवालों पर भी जवाब दिया.

प्रभावितों को सही मुआवजा मिले:

प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार न तो नकल रोक पा रही है और न ही जोशीमठ आपदा मामले में सही दिशा में कार्रवाई कर पा रही है. मंगलवार को प्रदेश के हालातों पर बातचीत करते हुए प्रीतम सिंह ने कहा कि जोशीमठ में आपदा के जद में सैकड़ों मकान आए हैं. सरकार को चाहिए कि बदरीनाथ की तर्ज पर जोशीमठ में प्रभावित लोगों को मुआवजा दे. इसके अलावा प्रीतम सिंह ने प्रदेश में भर्ती आयोगों में लगातार हो रही धांधलियों पर भी सरकार को घेरा और कहा कि सरकार प्रदेश के युवाओं के भविष्य को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है.

हां, मैं था गृब मंत्री, सरकार कराए जांच:

हाल ही में पटवारी भर्ती में पेपर लीक और अब दारोगा भर्ती को लेकर मामला सामने आया है. इन धांधलियों को लेकर प्रीतम सिंह ने कहा कि दारोगा भर्ती को लेकर कहा जा रहा है कि उस समय सरकार कांग्रेस की थी, और वो खुद गृह मंत्री थे इसलिए वो सरकार को चुनौती देते हैं कि वो दारोगा भर्ती पर सीबीआई जांच करें. सभी भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों की सख्त जांच करवाएं. चाहे भर्ती परीक्षा किसी की भी सरकार में हुई हो, सभी की जांच सीबीआई की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में हो. अगर कोई सफेदपोश भी इसमें शामिल है तो उसका भी जल्द खुलासा हो ताकि जनता का विश्वास सरकार पर बरकरार रहे.

उन्होंने कहा, सरकार ने UKSSSC से परीक्षाएं हटाकर अपनी पीठ थपथपाई लेकिन इतनी कोशिशों के बाद भी सरकार नकल रोकने में नाकामयाब रही. राज्य में नौकरी बेची जा रही है और पढ़ने वाले छात्र छले जा रहे हैं. राज्य लोक सेवा आयोग के अंदर के लोग ही धांधली करवा रहे हैं, इसलिए आयोग द्वारा कराई गई परीक्षाओं की भी पहले जांच होनी चाहिए, फिर आगे की परीक्षा करवाई जाए.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पीसीएस के मुख्य परीक्षा में 15 गुना स्टूडेंट को ही मुख्य परीक्षा में बैठने का प्रावधान है, लेकिन इससे कई गुना ज्यादा अभ्यर्थियों को परीक्षा की अनुमति देना शक पैदा करता है, इसलिए आयोग की जांच भी गंभीरता से होनी चाहिए.

दारोगा भर्ती घोटाला:

गौर हो कि दारोगा भर्ती घोटाला वर्ष 2015-16 में हुआ था. तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. इस मामले में अबतक 20 संदिग्ध सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया गया है. घोटाले की जांच विजिलेंस कर रही है. अभी तक की जांच पड़ताल में 40 से अधिक दारोगाओं पर परीक्षा में गड़बड़ी से नियुक्ति पाने का आरोप है. आरोपी दारोगाओं के एजुकेशन सर्टिफिकेट की जांच भी हो रही है.

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