उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड विभाग की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने की बैठक और निरीक्षण।
आपको बता दें कि 2 दिन पहले कुलहाल से डाकपत्थर तक शक्ति नहर के किनारे किनारे जल विद्युत निगम लिमिटेड की भूमि पर हुए अतिक्रमण को लेकर विभाग द्वारा अलाउसमेंट कर चेतावनी दी गई थी कि 11 तारिक तक अतिक्रमणकारी विभाग की भूमि पर अवैध निर्माण कार्यों को ध्वस्त कर दे, अन्यथा 11 तारीख के बाद विभाग स्वयं ही अवैध अतिक्रमण को हटाने का काम करेगा जिसको लेकर आज उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के कार्यालय में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई बैठक में एसडीएम विकासनगर विनोद कुमार,तहसीलदार विकासनगर चमन सिंह, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के अधिशासी अभियंता अभय सिंह, विकासनगर कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट ने संयुक्त रूप से एक बैठक की जिसमें अतिक्रमण पर कार्यवाही करने की प्रक्रिया पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें अधिशासी अभियंता अभय सिंह द्वारा मौखिक तौर पर बताया गया कि करीब 500 मकानों को ध्वस्त किया जाएगा और बताया कि सन 2018 से लगातार प्रत्येक वर्ष विभाग द्वारा नोटिस दिए जा रहे हैं वही लगातार विभाग की भूमि पर अवैध निर्माण की सूचनाएं भी मिलती रही और विभागीय कर्मचारियों के द्वारा मौके पर जाकर काम को रुकवाया भी गया परंतु अतिक्रमणकारियों के द्वारा शातिर तरीके से तिरपाल से ढक कर अवैध निर्माण कार्य को किया गया। बैठक के तुरंत बाद सभी अधिकारियों ने अतिक्रमण वाले क्षेत्र का भ्रमण किया।
वही इस संबंध में एस डी एम विकासनगर विनोद कुमार के द्वारा बताया गया की यूजीबी अनल विभाग से जानकारी ली गई की कितने क्षेत्रफल में अतिक्रमण किया गया है और कितने अवैध मकान विभाग की भूमि पर बनाए गए हैं और कब और किस तरह से अतिक्रमण को हटाना है इस संबंध में बैठक में चर्चा की गई बाकी यू जी वी एन एल द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
अधिकारियों की बातचीत से ऐसा प्रतीत हुआ जैसे कि अधिकारी वर्ग मीडिया को कुछ भी बताने से बच रहा है या यूं कहे की किसी सफेदपोश के दबाव के चलते कोई कुछ भी कहने से बच रहा है अब देखना यह होगा कि जैसे पिछले कई सालों से प्रशासन द्वारा सिर्फ हो हल्ला ही किया जा रहा है वह हल्ला करने के बाद कार्यवाही 0 नजर आती है क्या इस बार भी कार्यवाही के नाम पर शुन्य ही नजर आएगा।