देहरादून: 9 फरवरी को राजधानी देहरादून में बेरोजगारों पर हुए लाठीचार्ज को गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार की रिपोर्ट में सही ठहराया गया है. जहां बेरोजगार लाठीचार्ज का विरोध कर रहे हैं. वहीं, गढ़वाल कमिश्नर ने लाठीचार्ज को सही करार देते हुए अपनी रिपोर्ट शासन में प्रेषित कर दी है. खास बात यह है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद शासन ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के तबादले के निर्देश पुलिस महानिदेशक को दिए हैं.
देहरादून में बेरोजगार युवाओं के साथ पुलिस की झड़प मामले पर आखिरकार एक महीने बाद गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी है. अपनी जांच के बाद जहां एक तरफ गढ़वाल कमिश्नर ने पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और बल प्रयोग को सही ठहराया है. वहीं, दूसरी तरफ पूरे प्रकरण में पुलिस की पूरी कार्रवाई को स्थिति सुधारने के लिए जरूरी भी माना गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि गढ़वाल कमिश्नर के शासन को रिपोर्ट देने के एक दिन बाद ही शासन ने भी इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस महानिदेशक को नए आदेश जारी कर दिए है. इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इस पूरे प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाए.
बता दें कि 8 फरवरी की रात गांधी पार्क में बेरोजगारों ने पुलिस पर अभद्रता करने का आरोप लगाया था. इसके अलावा घंटाघर में भी पुलिस पर लाठीचार्ज कर युवाओं को चोट पहुंचाने के भी आरोप लगाए गए थे. इस पूरे प्रकरण में जहां कई युवाओं को फौरन गिरफ्तार कर लिया गया था. वही लाठीचार्ज की जांच के लिए गढ़वाल कमिश्नर को जिम्मेदारी दी गई थी. करीब 1 महीने बाद जाकर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. शासन ने रिपोर्ट के आधार पर पुलिस की कार्रवाई को सही माना है. वहीं, इस मामले में लापरवाही करने वाले एसएसआई कोतवाली प्रभारी, धारा चौकी प्रभारी और एलआईयू निरीक्षक को देहरादून से स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं.
शासन स्तर पर गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार की इस रिपोर्ट के बाद किसी पुलिस अधिकारी द्वारा भी इस मामले की जांच करने के लिए कहा गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्दी किसी पुलिस अधिकारी को इस मामले की एक बार फिर जांच करने के लिए नामित किया जा सकता है.