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हत्या के बाद जलाए गए थे नासिर जुनैद के शव, हत्याकांड में शामिल 8 से ज्यादा आरोपी

भरतपुर के गोपालगढ़ थाना क्षेत्र के घाटमिका गांव से दो युवकों का बोलेरो सहित अपहरण कर हरियाणा में भिवानी जिले के लोहारू थाना क्षेत्र में गाड़ी समेत जलाकर हत्या कर देने के मामले में करीब 2 महीने से फरार चल रहे दो और आरोपियों भिवानी निवासी नरेंद्र कुमार उर्फ मोनू राणा व मोनू उर्फ गोगी को पुलिस ने देहरादून की दुर्गम पहाड़ियों से डिटेन कर गिरफ्तार किया गया है।

नासिर और जुनैद हत्याकांड में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ में सामने आया है कि नासिर और जुनैद की हत्या पहले ही कर दी गई थी। सबूत मिटाने के लिए आरोपियों ने दोनों के शवों को कार में रखकर जला दिया था।

विस्तार
भरतपुर के गोपालगढ़ थाना क्षेत्र के घाटमिका गांव से दो युवकों का बोलेरो सहित अपहरण कर हरियाणा में भिवानी जिले के लोहारू थाना क्षेत्र में गाड़ी समेत जलाकर हत्या कर देने के मामले में करीब 2 महीने से फरार चल रहे दो और आरोपियों भिवानी निवासी नरेंद्र कुमार उर्फ मोनू राणा व मोनू उर्फ गोगी को पुलिस ने देहरादून की दुर्गम पहाड़ियों से डिटेन कर गिरफ्तार किया गया है।

राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमिका के रहने वाले नासिर और जुनैद की दो महीने पहले हत्या कर दी थी। दोनों की हत्या के आरोप में फरार चल रहे 2 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने नरेंद्र कुमार उर्फ मोनू राणा और मोनू उर्फ गोगी को देहरादून की दुर्गम पहाड़ियों से पकड़ा है। पकड़े गए दोनों आरोपियों ने नासिर और जुनैद की हत्या को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं। उन्होंने सबसे बड़ा खुलासा ये कि नासिर और जुनैद की हत्या जिंदा जलाकर नहीं की गई। पहले उन्हें मौत के घाट उतारा था, बाद में शव को ठिकाने लगाने के लिए जला दिया गया था।

आईजी गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि जुनैद की मौत फिरोजपुर झिरका में हो गई थी। नासिर की हत्या भिवानी में गला घोंटकर की गई थी। दोनों लाठी और सरियों से बुरी तरह पीटा गया। मरने के बाद दोनों के शवों को जलाया गया था। घटना वाले दिन आरोपी दो टीमें बनाकर भरतपुर की सीमा में आए थे। एक टीम में जींद और भिवानी से कुछ लोग कार से भरतपुर आए और दूसरी टीम करनाल से भरतपुर आई थी। दोनों टीमें भरतपुर आईं, उस दौरान नूंह मेवात इलाके की एक टीम इनके साथ जुड़ी थी। कुल तीन टीमों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।

तीनों टीमों ने ही गौ तस्करी के शक में नासिर और जुनैद का अपहरण किया। उनके साथ मारपीट की गई। जिसमें दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद नासिर और जुनैद को हरियाणा पुलिस के पास ले जाया गया, लेकिन दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए, हरियाणा पुलिस ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने से मना कर दिया।

14 फरवरी को क गई थी हत्या
आरोपियों पूछताछ में सामने आया है कि दोनों की हत्या 14 फरवरी की रात की गई थी। मारपीट से गंभीर रूप से घायल जुनैद की मौत पहले ही हो गई थी। आरोपी दोनों को लेकर भिवानी पहुंचे और बोलेरो के अंदर नासिर की गला दबाकर हत्या कर दी। सबूत मिटाने के लिए दोनों के शवों को कार में बंद किया और फिर पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई थी।

मोनू राणा और गोगी को किया गया गिरफ्तार
आईजी गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि नासिर जुनैद हत्या के मामले में पहला आरोपी रिंकू सैनी 17 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। रिंकू से पूछताछ में कई खुलासे हुए और उससे नासिर जुनैद के हत्यारों को पकड़ने के लिए सुबूत जुटाए गए। जांच में 8 लोगों के नाम सामने आए है। सभी के बारे में रिंकू सैनी ने ही बताया। भरतपुर एसपी द्वारा सभी पर 5-5 हजार का इनाम घोषित किया। जिसे बाद में आईजी ऑफिस से बढ़ाकर 10-10 हजार कर दिया गया था। सभी आरोपी हरियाणा के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले थे। पुलिस की टीमों ने आरोपियों की अलग-अलग राज्यों में तलाश शुरू की, जिसमें से दो मुख्य आरोपी गोगी और मोनू राणा निवासी भिवानी को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को कोर्ट में पेश किया गया और पूछताछ के लिए 10 दिन का रिमांड लिया गया है। दोनों से प्रारंभिक पूछताछ में बातें आईं हैं, उनके आधार पर बाकी के आरोपियों की तलाश की जा रही है।

मोनू मानेसर पुलिस की सस्पेक्ट लिस्ट में
मोनू मानेसर का एफआईआर में नाम था। सस्पेक्ट लिस्ट में अभी भी मोनू मानेसर का नाम है। दोनों से पूछताछ के बाद ही मोनू मानेसर की इंवोल्मेंट के बारे में साफ हो पाएगा। आरोपियों के घर और उनके रिश्तेदार के घर पर भी दबिश दी गईं। आरोपियों ने इस दौरान ना तो अपने परिजनों से और ना ही रिश्तेदारों से संपर्क किया। जिसके बाद इंटेलिजेंस के सोर्स को एक्टिवेट कर आरोपियों के बारे में पता किया गया। 5 अलग-अलग राज्यों में दोनों आरोपियों के मूवमेंट की जानकारी मिली। हरियाणा के अलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा इन सभी जगहों पर पुलिस की टीमें गईं।

उत्तराखंड में कई बार पुलिस की टीमें गईं। जिसके बाद मोनू राणा और गोगी के देहरादून के पहाड़ी इलाके के सुनसान इलाके में छुपे होने की सूचना मिली, जहां से दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान दोनों आरोपी किस-किस जगह रहे, किस-किस ने दोनों आरोपियों की मदद की, यह जांच के विषय है, कुछ मदद करने वालों के नाम सामने आए हैं, जब तक यह जानकारी पुख्ता नहीं होगी तब तक कुछ साफतौर पर नहीं कहा जा सकता। जिन राज्यों में दबिश दी गई, उन राज्यों में दोनों आरोपी छुपे थे, जो दोनों आरोपियों ने कबूल किया है। फरारी के दौरान दोनों आरोपी लगातार भागते रहे हैं। छोटा मोटा खर्चा कई लोग इन्हें देते रहे। जब वह खर्चा ख्त्म हो जाता तो नए व्यक्ति से मदद मांग कर फिर नए ठिकाने पर पहुंच जाते थे।

और भी नाम आ सकते हैं सामने
जुनैद और नासिर के परिजनों एफआईआर में लिखवाय था कि आरोपी बजरंग दल के सदस्य हैं। उसमें से कुछ आरोपी बजरंग दल के सदस्य भी निकले हैं। मामले में मुख्य रूप से हरियाणा के गौ रक्षा दल का नाम सामने आया है। हरियाणा गौ रक्षा दल के अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित अन्य कार्यकर्ता पदाधिकारी और आरोपियों के रिश्तेदारों की भी इस मामले में संलिप्तता पाई गई है। पूछताछ के लिए सभी को नोटिस जारी किए गए हैं। जिसमें कुछ लोगों से पूछताछ किया जाना बाकी है। पुलिस को सबसे बड़ी सफलता ये मिली कि घटना में शुरू से लेकर आखिरी तक शामिल रहने वाले आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं। आरोपियों से पूछताछ के बाद काफी हद तक इस मामले का खुलासा हो सकेगा। कुछ लोगों के नाम इस घटना में सामने आए थे, लेकिन कन्फर्म नहीं हो रहा था। ऐसे में दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद कई नाम सही पाए गए हैं जो घटना में शामिल थे, लेकिन अब तक उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया है।

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