नई दिल्ली. कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में हालात खराब कर रखे हैं. इस वक्त हालात भले ही थोड़े संभले हुए नजर आ रहे हैं लेकिन मौत के आंकड़े राहत देने वाले नहीं हैं. इस बीच आधार कार्ड या आयुष्मान कार्ड न होना मरीजों के मुश्किल पैदा कर रहा है. ऐसे में यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश के लोगों को बड़ी राहत दी है. UIDAI ने साफ तौर पर कहा है कि आधार कार्ड न होने की वजह से किसी भी नागरिक को इलाज उपब्ध कराने से इनकार नहीं किया जा सकता है, न ही वैक्सीनेशन के लिए अब आधार कार्ड की अनिवार्यता होगी.
नहीं चलेगा आधार कार्ड का बहाना
UIDAI ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोरोना की वैक्सीन लगाने, दवा देने या अस्पताल में भर्ती होने के लिए भी आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है.
ऐसे में कोई आपको इलाज देने से सिर्फ इसलिए इनकार नहीं कर सकता कि आपके पास आधार कार्ड नहीं है. आवश्यक सेवाएं लेने के लिए अब इसकी अपरिहार्यता नहीं होगी.
वैक्सीनेशन के लिए भी आधार की अपरिहार्यता नहीं देश में Covid-19 की दूसरी लहर के बीच मेडिकल सुविधाओं के लिए परेशान जनता के लिए यूआईडीएआई के इस बयान की बड़ी अहमियत है. इस वक्त आधार कार्ड न होने की वजह से कई लोगों अस्पताल में भर्ती करने से इनकार किया जा रहा है. मेडिकल इमरजेंसी के केसेज में कई लोगों के पास आधार कार्ड होता तो है, पर जल्दबाजी में वे साथ ले जाना भूल जाते हैं. ऐसे में ये कार्ड मरीज की जान पर भारी पड़ जाता है. सरकारी अस्पतालों में भर्ती न मिलने के बाद प्राइवेट अस्पतालों में महंगा इलाज कराना सबके बस की बात नहीं होती. इसी तरह वैक्सीनेशन सेटर्स पर भी कई लोगों को आधार कार्ड न होने के चलते वापस लौटना पड़ रहा है. सरकार पहले भी कह चुकी है कि आधार कार्ड न होने की सूरत में दूसरे दस्तावेज से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. हालांकि इस आदेश के बाद भी आधार कार्ड की अहमियत वैक्सीनेशन ड्राइव के आड़े आ रही थी.