देहरादून। कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर आयुष विभाग ने आयुष रक्षा किट का वितरण शुरु कर दिया है। विभागीय मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने सोमवार को विधानसभा परिसर से देहरादून जिले के लिए तीन आयुष रथ रवाना किए, जिनके माध्यम से आयुष रक्षा किट का वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही होम्योपैथी की दवा आर्सेनिक अलबम भी बांटी जाएगी। इस मौके पर विभागीय मंत्री डा. रावत ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में आयुष रथ संचालित किए जाएंगे। पहले चरण में कोविड की रोकथाम में जुटे फ्रंटलाइन वर्कर्स, हाइरिस्क रोगियों, पोस्ट कोविड आइसोलेटेड रोगियों को आयुष रक्षा किट बांटी जाएंगी, जबकि द्वितीय चरण में जनसामान्य को यह किट मुहैया कराई जाएगी।
आयुष और आयुष शिक्षा मंत्री डा. रावत ने विकासनगर-सहसपुर, चकराता-कालसी और रायपुर-डोइवाला क्षेत्रों के लिए आयुष रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन रथों के माध्यम से वितरित की जाने वाली आयुष रक्षा किट में आयुष रक्षा क्वाथ, संशमनी व अश्वगंधा वटी शामिल है। प्रत्येक रथ में एक चिकित्सक, एक फार्मेसिस्ट की ड्यूटी लगाई गई है, जो जनसामान्य को आयुष चिकित्सा के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और दैनिक दिनचर्या के विषय में जानकारी देंगे।बाद में विधानसभा स्थित कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कैबिनेट मंत्री डा.रावत ने कहा कि पिछले वर्ष 2.25 लाख व्यक्तियों को आयुष रक्षा किट वितरित की गई थी।
अब जबकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेज हुई है तो इस किट की मांग बढ़ी है। इस बार कोविड की रोकथाम में जुटे 2.76 लाख व्यक्तियों को यह बांटी जाएगी। अगले चरण में इसे जनसामान्य को भी वितरित किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि आयुष विभाग की हेल्प डेस्क ने 92 हजार व्यक्तियों से फोन पर संपर्क साधा। इनमें से 47 हजार से अधिक को कोविड से बचाव के मद्देनजर परामर्श दिया गया। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग में रिक्त चल रहे चिकित्सकों व फार्मेसिस्ट के पदों को संविदा के आधार पर भरने की दिशा में कसरत चल रही है।
कोरोना की घातक होती लहर का जिक्र करते हुए कैबिनेट मंत्री रावत भावुक हो गए। रावत ने कहा कि उन्होंने 2013 की केदारनाथ त्रासदी देखी। तब भी खुद को मजबूत किया। यह पहली आपदा है, जब वह कोरोना पीडि़तों को अपने सामने दम तोड़ते देख रहे हैं, मगर कुछ नहीं कर पा रहे। वह भी तब जबकि डाक्टर, दवा सब-कुछ सामने है।
कोटद्वार क्षेत्र के एक वाकये का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि कोटद्वार अस्पताल में उनके सामने एक मरीज आया, जिसका आक्सीजन लेवल 60 था। चिकित्सकों ने उसे इमरजेंसी में भर्ती करने के बाद उपचार शुरु कर बचाने का भरसक प्रयास किया, मगर उसने दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि वह 60-70 व्यक्तियों को सामने दम तोड़ता देख चुके हैं, मगर कुछ कर नहीं पाए। इतना कहते ही रावत की आंखें छलक आई।