सेलाकुई के राजावाला रोड इफका यूनिवर्सिटी के पास शक्ति एनक्लेव में भूमाफियाओं ने लगभग 82 बिघा है भूमि से काट डाले हरे भरे लगभग 300 से अधिक साल के और कुछ आम के पेड़ । अवेडा रूप से जेसीबी मशीन लगाकर कर डाला भूमि समतलीकरण और संबंधित विभागों को कानों कान खबर भी न लग पाई वन विभाग का नजर आया गोलमोल रवैया।
आपको बता दें कि बीते कुछ वर्ष पहले एक राजावाला का प्रकरण सामने आया था जिसमें भू स्वामी ने प्लाटिंग के चक्कर में 400 से अधिक साल के वृक्षों का कर डाला था अवैध कटान ऐसा ही एक प्रकरण सेलाकुई झाझरा रेंज के राजावाला रोड का सामने आया है जहां भू माफियाओं ने अवैध प्लाटिंग के चक्कर में लगभग 82 बीघा भूमि पर खड़े 300 से अधिक साल के वृक्षों का अवैध कटान कर डाला और जेसीबी मशीन लगाकर समतलीकरण भी कर दिया बावजूद इसके संबंधित विभागों को कानों कान खबर भी ना लग पाई जबकि उक्त भूमाफिया ने इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को काटकर ठिकाने भी लगा दिया। वैसे तो वन विभाग अनुमति से काटे गए फलों के पेड़ों की भी निकासी देने में आनाकानी करता है और इतनी संख्या में काटे गए लगभग 300 से अधिक पेड़ों को वह भी प्रतिबंधित प्रजाति साल के वृक्ष काटकर ठिकाने लगा दिए गए और बिना अनुमति उक्त भूमि का अवैध मिट्टी भरान कर बिना अनुमति जेसीबी मशीन चलकर समतलीकरण का कार्य भी किया जा रहा है।
जाहिर सी बात है इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को काटकर सड़क के माध्यम से ही ले जाया गया होगा जिसमें कई पुलिस थाने चौकियां भी पड़ी होंगी और वहां पर तैनात पेड़ों की सुरक्षा में जंगलात विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को इसकी जानकारी नहीं लगी यह बात समझ से परे है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों का कटान रातों-रात तो नहीं हो गया होगा इसके लिए भी कई दिनों का वक्त लगा होगा तो क्या संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कुंभकरण की नींद सोते रहे होंगे और भू माफिया और लक्कड़ माफिया इतने बड़े प्रकरण को अंजाम दे गए लेकिन किसी को कुछ भी पता नहीं चला पाया या फिर यूं कहें कि यह सब मिली भगत के चलते होता रहा और विभागीय अधिकारी व कर्मचारी अपने निजी स्वार्थ के चलते मौन स्थिति धारण किए रहे।
वही जब इस बाबत झाझरा वन रेंज अधिकारी दिक्षा भट्ट से जानकारी चाही गई तो उनके द्वारा संतोषजनक जवाब न देकर जवाब को गोल-मोल घुमा दिया गया वन रेंज अधिकारी दीक्षा भट्ट के द्वारा बताया गया कि मामला उनके संज्ञान में है और एसडीएम विकासनगर को अवगत करा दिया गया है जांच चल रही है दो फर्दे हैं और उन दोनों फर्दों में पेड़ों का कोई उल्लेख नहीं है लेकिन जांच में अनुमानित 300 पेड़ों के काटे जाने की पुष्टि हो गई है भूस्वामी को नोटिस भी भेज दिया गया है।
बकौल रेंज अधिकारी दीक्षा भट्ट के राजस्व विभाग की फर्दों में पेड़ों का कहीं जिक्र ना किया जाना राजस्व निरीक्षक की भूमिका संदिग्ध दर्शाता है और वन विभाग के भू स्वामी को नोटिस भेजे जाने के बाद भी आखिर क्यों लगातार पेड़ों का कटान जारी है एसडीएम विकासनगर के संज्ञान में होते हुए भी आखिर क्यों अवैध खनिज सामग्री से भरान और आवैध रूप से जेसीबी मशीन लगाकर समतलीकरण किया जा रहा है कहीं ना कहीं वन विभाग और संबंधित विभागों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।अब देखना यह होगा की उक्त प्रकरण पर न्याय उचित कार्रवाई होती है या फिर मिली भगत के चलते उक्त प्रकरण पर माटी डाल दी जाएगी या फिर किसी समाजसेवी के द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने पर राजावाला प्रकरण पर जो कार्यवाही हुई थी वही कार्यवाही यहां भी देखने को मिलेगी।