राजधानी देहरादून। यात्रियों की सुविधाओं और शहर में ट्रैफिक के अधिक दबाव को कम करने के चलते करीब एक दशक से अधिक समय पहले से दून में रिंग रोड की बातें की जा रही हैं। ताकि जिन व्यक्तियों को शहर में प्रवेश नहीं करना है, वह बाहर से ही अपने गंतव्य तक जा सकें। हालांकि, अब तक रिंग सिर्फ फाइलों में आकार लेती रही। पहली दफा ऐसा हुआ है, जब लग रहा है कि रिंग का सपना साकार हो पाएगा। रिंग का पहला हिस्सा आशारोड़ी से झाझरा के बीच बनाया जाएगा और इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इसके तहत नई सड़क बनाने के लिए संबंधित छह गांवों में जमीन अधिग्रहण किया जाएगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रलय के गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक सड़क फोरलेन होगी और इसकी लंबाई करीब 12 किमी होगी। यह पूरी सड़क नई बनेगी और इसकी जद में छह गांवों में स्थित 44.76 हेक्टेयर निजी व सरकारी भूमि आएगी। सड़क की लागत करीब 350 करोड़ रुपये आंकी गई है। हालांकि, डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने का काम अभी जारी है। करीब एक माह के भीतर जमीन अधिग्रहण की तैयारी पूरी कर ली जाएगी और जब काम शुरू किया जाएगा। डेढ़ साल के भीतर सड़क तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
सड़क निर्माण से यह मिलेगा लाभ
जो लोग दिल्ली की तरफ से सेलाकुई इंडस्टियल एरिया, पांवटा साहिब या दून की तरफ बल्लूपुर के पास तक आएंगे, उन्हें अनावश्यक रूप से शहर में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। पांवटा साहिब से दून होकर दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहन भी दून में प्रवेश नहीं करेंगे। इससे शहर में अतिरिक्त वाहन दबाव नहीं पड़ेगा। भविष्य में नंदा की चौकी से मसूरी के लिए बाईपास रोड का निर्माण प्रस्तावित है। लिहाजा, रिंग रोड का यह भाग बेहद कारगर साबित होगा।
आशारोड़ी में आरटीओ चेकपोस्ट के पास से शुरू होगी सड़क
प्रस्तावित सड़क आशारोड़ी में आरटीओ चेकपोस्ट के पास से शुरू होगी और वन समेत ग्रामीण आबादी क्षेत्र से होकर झाझरा में देहरादून-पांवटा साहिब राजमार्ग पर मिलेगी। राजमार्ग में जरूरत के मुताबिक पुल व फ्लाईओवर के निर्माण भी किए जाएंगे। ताकि जंक्शन वाले हिस्सों में दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इस राजमार्ग का निर्माण एनएचएआइ का वसंत विहार स्थित परियोजना निदेशक कार्यालय कर रहा है, जबकि परियोजना निदेशक के रूप में पंकज मौर्य परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए कोरोनाकाल में भी सक्रिय होकर काम कर रहे हैं।