उत्तराखंड आईएमए ने योग गुरु रामदेव को भेजा 1000 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। आईएमए उत्तराखंड की ओर से नोटिस में लिखा गया है कि अपने व्यवहारी इंडियन मेडिकल एशोसिएशन, उत्तराखण्ड, राज्य शाखा, पंजीकृत कार्यालय आईएमए ब्लड बैंक आफ उत्तराखण्ड, 47 बल्लुपुर रोड, देहरादून द्वारा प्रदेश सचिव डा. अजय खन्ना के निर्देशानुसार आपको निम्न सूचना प्रेषित है।
यह कि मेरा व्यवहारी इंडियन मेडिकल एशोसिएशन, उत्तराखण्ड, राज्य शाखा, सोसाईटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत एक पंजीकृत संस्था है एवं इण्डियन मेडिकल एशोसिएशन मुख्यालय नई दिल्ली से सम्बद्ध है की प्रदेश शाखा है। जिसके अर्न्तगत उत्तराखण्ड राज्य में 25 शाखा हैं।
इन समस्त शाखाओं का प्रदेश एवं देश में प्रतिनिधित्व मेरा व्यवहारी एकमात्र रुप से करता है। संस्था के नियमो- उपनियमो के अनुसार, मेरे व्यवहारी के वर्तमान प्रदेश सचिव डॉ. अजय खन्ना मेरे व्यवहारी के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में वर्तमान सूचना पत्र जारी करने के लिए अधिकृत है।
IMA Uttarakhand sends a defamation notice of Rs 1000 cr to Yog Guru Ramdev. The notice states that if he doesn't post a video countering the statements given by him and tender a written apology within the next 15 days, then a sum of Rs 1000 crores will be demanded from him. pic.twitter.com/c7RlLInXi3
— ANI (@ANI) May 26, 2021
आगे लिखा गया कि आपके व आपके साथियों के इस आपराधिक कृत्य से मेरे व्यवहारी व मेरे व्यवहारी के सदस्यों की आम जनमानस की नजरों में सदाचारिक व बौद्विक छवि एवं साख की प्रत्यक्षत व अप्रत्यक्षत अपहानि हुई है। आपका यह आपराधिक कार्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 499 के अन्तर्गत आपराधिक कार्य के श्रेणी में अपराध है। जिस कारण आपका व आपके साथियों का यह आपराधिक कृत्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 500 के अन्तर्गत वर्णित 2 साल तक के साधारण कारावास और जुर्माने या दोनों से दण्डित सजा की श्रेणी की परिधि में है।
अतः इस सूचना पत्र के माध्यम से आपसे यह मांग की जाती है कि आप इस सूचना पत्र की तामील से 15 दिन के अंदर-अंदर उपरोक्त चरण संख्या 5 में उल्लेखित समस्त मिथ्या आरोप व मानहानिपूर्ण लांछन का खण्डन विडियो क्लिप के रूप में बनाकर उसे उन सभी सोशल मिडिया के प्लेटफार्म पर और उन सभी व्यक्तियो को जिन्हें आपके द्वारा विडियो क्लिप बनवाकर पूर्व में सोशल मिडिया में प्रसारित व प्रचारित कर प्रेषित कराया गया था।
में प्रेषित करते हुये मेरे व्यवहारी से लिखित में क्षमा मांगे अन्यथा मेरा व्यवहारी आपके विरूद्ध सक्षम न्यायालय में मानहानि का दिवानी व फौजदारी परिवाद योजित करेगा और मानहानि के फौजदारी परिवाद में सीआरपीसी की प्रतिकर सम्बन्धित सुसंगत धारा के तहत उत्तराखण्ड राज्य में अपने लगभग दो हजार सदस्य हेतु प्रति सदस्य मु० 50,00,000/रुपये अंकन पचास लाख रुपये के प्रतिकर की दर से कुल एक हजार करोड रुपये के अनुतोष की मांग करेगा।