प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेस के निधन पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि डॉ. इंदिरा हृदयेश जी कई सामुदायिक सेवा प्रयासों में सबसे आगे थीं। उन्होंने एक प्रभावी विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाई और उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव भी था।उनके निधन से दुखी हूं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश के निधन पर रविवार को शोक जताया और कहा कि उन्होंने अपने पीछे जन सेवा की विरासत छोड़ी है। गांधी ने अपने शोक संदेश में कहा कि हृदयेश ने अपनी अंतिम सांस तक कांग्रेस पार्टी की सेवा की। उन्होंने उत्तराखंड में एक विधायक, पार्षद, मंत्री और विपक्ष की नेता के तौर पर जन सेवा की विरासत छोड़ी है। ”इन सबके अलावा वह उम्रभर कांग्रेस के प्रति समर्पित रहीं।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”वह विधायी कामकाज और प्रक्रिया की अपनी जानकारी के साथ ही कुशल प्रशासक के तौर पर अपने प्रदर्शन के लिए अपने सहकर्मियों के बीच लोकप्रिय रहीं।
दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन
हृदयेश का रविवार को नयी दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं । प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि दिल्ली में उत्तराखंड सदन में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया । वह शनिवार को दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव की अध्यक्षता में राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा को लेकर हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुई थीं।
हल्द्वानी से कांग्रेस की विधायक
वह हल्द्वानी से कांग्रेस की विधायक थीं और राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में से एक थीं। वह इस साल अप्रैल में कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गयी थी और स्वस्थ होने के बाद उनकी दिल की एक सर्जरी हुई थी।